जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । बीएस येडियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल थावरचंद गहलोत को सौंप दिया है. लिंगायत नेता अब आगे क्या करेंगे इसको लेकर अटकलें तेज़ हो गई हैं. इस्तीफा देने के बाद येडियुरप्पा ने कहा कि उनके राज्य छोड़कर कहीं और राज्यपाल बनने का कोई सवाल ही नहीं उठता. 78 वर्षीय येदियुरप्पा ने कहा कि वो कर्नाटक के लोगों के कल्याण के लिए काम करना जारी रखेंगे.
येडियुरप्पा ने आगे कहा कि सीएम का पद छोड़ने के बाद उनमें असंतोष की कोई भावना नहीं है. लिहाज़ा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा जो भी काम दिया जाएगा वो करने के लिए तैयार हैं.
इस्तीफे पर हैरानी
कर्नाटक कैबिनेट में एक मंत्री के सुधाकर ने कहा कि येदियुरप्पा केवल मुख्यमंत्री पद छोड़ रहे हैं, सक्रिय राजनीति नहीं. उन्होंने कहा, ‘ये मेरे लिए (उनका इस्तीफा) आश्चर्य की बात थी. उन्होंने मुझसे कहा कि 26 जुलाई तक उन्हें हाईकमान से अनुकूल फैसला मिल सकता है, लेकिन हम सभी को पार्टी के नियमों का पालन करना होगा.’
येदियुरप्पा ने भावुक होते हुए एवं रुंधे गले से कहा कि मैं दु:खी होकर नहीं, बल्कि खुशी से ऐसा कर रहा हूं… येदियुरप्पा ने 75 साल से अधिक आयु होने के बावजूद उन्हें दो साल मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का धन्यवाद किया..भाजपा में 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को निर्वाचित कार्यालयों से बाहर रखने का अलिखित नियम है.
इधर संसद भवन में जेपी नड्डा-अमित शाह की बैठक जारी है. टीवी रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के नए सीएम के नाम पर चर्चा चल रही है.
यहां चर्चा कर दें कि बीएस येदियुरप्पा के दिल्ली पहुंचकर पीएम मोदी सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद से ही सूबे में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा तेज थी. बताया जा रहा है कि चार बार के मुख्यमंत्री और लिंगायत समुदाय के दिग्गज नेता येदियुरप्पा को हटाकर किसी और समुदाय के नेता को प्रदेश की कमान देने से भाजपा को कर्नाटक के अगले चुनाव में नुकसान हो सकता है.
कौन होगा अगला मुख्यमंत्री : अब अगले मुख्यमंत्री पर सबकी नजर टिकी हुई है. अमित शाह और जेपी नड्डा इसपर चर्चा भी कर रहे हैं. न्यूज चैनल आजतक के अनुसार तीन नाम रेस में हैं. पहला नाम बसवराज बोम्मई का है, जो लिंगायत समुदाय से संबंध रखते हैं. वर्तमान में वे कर्नाटक सरकार में गृह मंत्री होने के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्री और कानून मंत्री भी हैं. दूसरे नाम की बात करें तो ये विश्वेश्वरा हेगड़े कगेरी का है, जो ब्राह्मण हैं. वे कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं. तीसरा नाम केंद्रीय कोयला खनन मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्रलाद जोशी का है. खबरों की मानें तो RSS भी येदियुरप्पा की जगह लिंगायत समुदाय से ही आने वाले किसी और मंत्री या विधायक को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है.