जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : जामिया के संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित संस्कृत संभाषण कार्यशाला के समापन समारोह के अवसर पर अध्यक्षता करते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने प्रशिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। उन्होंने संस्कृत को वैज्ञानिक भाषा बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति को जानने के लिए संस्कृत भाषा का ज्ञान आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत कंप्यूटर के लिए सबसे उपयुक्त भाषा है।
संभाषण कार्यशाला जामिया के संस्कृत विभाग और संस्कृत भारती के संयुक्त तत्त्वावधान में दिनांक 18 जुलाई से 27 जुलाई 2021 तक आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गोपबंधु मिश्र ने कहा कि संस्कृत के विषय में नहीं बल्कि संस्कृत भाषा को पढ़ें और जानें। उन्होंने संभाषण के महत्व को विस्तार से बताया। कार्यक्रम की सारस्वत अतिथि दूरदर्शन एवं आकाशवाणी की प्रवाचिका श्रीमती मंगला कवडेकर ने संस्कृत पत्रकारिता के महत्व को विस्तार से बताते हुए संस्कृत प्रेमियों को संस्कृत पत्रकारिता से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। विशिष्ट अतिथि संस्कृत भारती के उत्तर क्षेत्रीय संगठन मंत्री जयप्रकाश गौतम ने संस्कृत को विलक्षण भाषा बताते हुए कहा कि संस्कृत को संभाषण के द्वारा आमजन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने संस्कृत के सामान्य एवं प्रौढ़ स्वरूप को बताते हुए इसके प्रचार-प्रसार में योगदान हेतु आह्वान किया।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं आचार्य प्रोफेसर गिरीश चंद्र पंत ने किया तथा धन्यवाद -ज्ञापन एवं आभार प्रदर्शन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जयप्रकाश नारायण ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी ने किया तथा कार्यशाला-प्रतिवेदन की प्रस्तुति डॉ श्याम सुन्दर शर्मा के द्वारा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रिया बहल के द्वारा श्रीमद्भागवतगीता के श्लोकगायन से हुआ। ध्येय मंत्र फैजल नसीम ने प्रस्तुत किया। अनुभव कथन जागृति,अदीना और सुगंधा ने किया। कार्यक्रम में सुषमा द्विवेदी, आबिद एवं सना शर्मा ने संगीत के मधुर गीतों से सभी का ध्यान आकृष्ट किया।प्रमा प्रकाश ने गीता के श्लोक तथा संगीता रूपेला ने संस्कृत कथा की प्रस्तुति रोचक ढंग से गाकर की । रामनारायण द्विवेदी ने नीतिश्लोकों को गाकर सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम का समापन रिंकल तोमर के शांति -पाठ से हुआ। कार्यक्रम में लगभग सौ से अधिक प्रतिभागी उपस्थित थे।