जनजीवन ब्यूरो /नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की दीवार को तोड़ने के लिए विपक्ष एकजुट होने की कवायद कर रहा है। विपक्ष के इस काम को साधने के लिए ममता बनर्जी, शरद पवार और लालू यादव मैदान में कूद पड़े हैं। इसी सिलसिले में लालू यादव ने आज मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात में आगामी लोकसभा के साथ—साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई। दरअसल मोदी सरकार का सामना करने के लिए विपक्ष के यह सभी दिग्गज नेता मिलकर कांग्रेस को आईसीयू से बाहर निकालना चाहते हैं।
सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात में लालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह को उत्तर प्रदेश में भी भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन करने की बात कही है। इस गठबंधन में कांग्रेस को भी साथ लाने को लेकर चर्चा हुई है। जबकि उत्तर प्रदेश में सपा प्रमुख अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं करना चाहते हैं। इन्होंने कई बार इस बात को दोहराया है। जबकि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सपा या बसपा किसी के साथ भी गठबंधन करने को ललायित हैं। कांग्रेस को अपनी डूबती नैय्या को पार कराने के लिए सहयोगी दलों की आवश्यकता है। पर उत्तर प्रदेश के दोनों प्रमुख विरोधी दल सपा और बसपा कांग्रेस से हाथ मिलाने को इच्छुक नहीं है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में चतुष्कोणीय लड़ाई भाजपा के हित में है। शरद पवार, ममता बनर्जी और लालू यादव मानते हैं कि वोटों के बंटवारें से भाजपा को सबसे अधिक लाभ होगा। इसी लाभ को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में भी विपक्ष की एकजुटता जरूरी है। पिछले कई दिनों से इसी एकजुटता की कवायद में इन नेताओं का मंथन हो रहा है। इसी मंथन को अंजाम पर पहुंचाने के लिए लालू यादव ने आज मुलायम यादव से मुलाकात की। लालू ने भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस को भी साथ लेकर चलने की बात मुलायम यादव से की। इस मुलाकात से पहले लालू प्रसाद यादव के पुत्र व राजद का बिहार में चेहरा बने तेजस्वी यादव ने साफ तौर पर कह दिया कि कांग्रेस के बिना विपक्ष की एकजुटता संभव नहीं है। तृणमूल और सपा को इस बात को समझना होगा। तेजस्वी के इस सियासी बयान का इशारा साफ है। उत्तर प्रदेश में भाजपा विरोधी गठबंधन के हिस्से में कांग्रेस को भी भागीदार बनाया जाए। सनद रहे कि बीते 28 जुलाई को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सपा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने लालू यादव से मुलाकात की थी। वहीं ममता बनर्जी ने भी लालू यादव से फोन पर बात की थी।
राहुल ने विपक्ष के नेताओं को नाश्ते पर बुलाया
ममता की सक्रियता से राहुल गांधी को राजनीतिक बूस्टर डोज लग गया है। राहुल गांधी अब लगातार विपक्ष की बैठक करने लगे है। पिछले दिनों हुई बैठक के बाद राहुल गांधी ने विपक्ष के नेताओं को नाश्ते पर बुलाया है। इसमें मोदी सरकार के खिलाफ आगे की रणनीति तय की जाएगी। ताकि संसद में विपक्ष की एकजुटता में कोई कमी न दिखाई पड़े। राहुल के इस राजनीतिक नाश्ते में तृणमूल भी शामिल होगी।