जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कृषि कानूनों को लेकर संसद के गेट पर ही कांग्रेस के रवनीत बिट्टू और अकाली सांसद हरसिमरत कौर में भिड़ंत हो गई। दोनों नेताओं ने जमकर एक दूसरे पर आरोपों की बौछार कर दी। जहां कांग्रेस के बिट्टू ने विरोध को ड्रामा बताया, वहीं हरसिमरत कौर ने पूछा कहां थे सोनिया गांधी और राहुल गांधी।
कृषि कानूनों को लेकर संसद के गेट पर अकाली दल की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल प्रदर्शन कर रहीं थी। इस बीच कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने इस प्रदर्शन को ड्रामा करार दे दिया। जिसके बाद दोनों ओर से तलारें खिंच गई।
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने हरसिमरत कौर पर यह आरोप लगाया कि, उनके केंद्रीय मंत्री रहते हुए ये बिल पास कराया। कांग्रेस नेता के इस आरोप से हरसिमरत कौर भड़क गईं और उन्होंने भी पलटवार कर दिया। उन्होंने पूछा कि, सरकार जब कृषि कानून पास कर रही थी तब राहुल और सोनिया कहां थे। इस मामले को लेकर दोनों के बीच काफी देर तक बहस होती रही।
संसद के बाहर तख्ती लेकर खड़ी थी हरसिमरन कौर: दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरन कौर बादल संसद परिसर में कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए तख्ती लेकर खड़ी थीं। उसी दौरान कांग्रेस नेता रवनीत सिंह बिट्टू वहां से गुजर रहे थे। इसी दौरान रवनीत सिंह बिट्टू ने हरसिमरन के विरोध को ड्रामा कह दिया, जिसके बाद दोनों के बीच जंग छिड़ गई।
इस झगड़े का वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब देखा जा रहा है। इस वीडियों में कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने अकाली दल नेता सह पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरन कौर पर तीनों कृषि कानून पारित कराने का आरोप लगाया। वहीं हरसिमरत कौर भी जमकर प्रतिघात करती नजर आ रही हैं।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नहीं उठाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन!
जनजीवन ब्यूरो कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में बाढ़ के हालात की जानकारी लेने के लिए प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुधवार (4 अगस्त) को सुबह में फोन किया। लेकिन, तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ने फोन नहीं उठाया। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री ने खुद प्रधानमंत्री को फोन करके बाढ़ से उत्पन्न हुए हालात के बारे में जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी को बाढ़ के हालात से निबटने में केंद्र सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। दूसरी ओर ममता बनर्जी ने दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) से पानी छोड़े जाने को लेकर प्रधानमंत्री से शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार से सलाह लिये बगैर पानी छोड़ दिया गया, जिसकी वजह से बाढ़ और भयावह हो गया।
पहली बार में ममता ने नहीं उठाया था फोन
सूत्रों ने बताया कि बुधवार सुबह प्रधानमंत्री कार्यालय से ममता बनर्जी के पास फोन किया गया था, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। बाद में खुद ममता बनर्जी ने फोन किया और बताया कि किसी वजह से बात नहीं हो सकी थी। कुछ देर तक उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य के हालात के बारे में बात की। प्रधानमंत्री ने जानना चाहा कि फिलहाल राज्य में हालात कैसे हैं और आपदा प्रबंधन में केंद्र की किस तरह की मदद चाहिए।
3 लाख लोग विस्थापित, करोड़ों का नुकसान
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को बताया कि अभी तक 16 लोगों की जान जा चुकी है। करोड़ों रुपये की फसल नष्ट हो चुकी है। बाढ़ के पानी की वजह से बिजली सेवा पूरी तरह से चरमरा गयी है। कई इलाकों के संपर्क एक-दूसरे से कट गये हैं। तीन लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया है कि हालात से निबटने में राज्यऔर बिगड़ सकते हैं हालात
और बिगड़ सकते हैं हालात
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि बाढ़ से 6 जिलों में सबसे ज्यादा तबाही मची है। पूर्वी बर्दवान, पश्चिमी बर्दवान, पश्चिमी मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा और दक्षिण 24 परगना जिलों में कई क्षेत्रों में बाढ़ आ गयी है, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब मौसम विभाग ने इन जिलों में अभी और अधिक बारिश की संभावना व्यक्त की है, जिसे लेकर हालात के और अधिक बिगड़ने की आशंका है।