जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : झारखंड में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में दो दिनों से इन्वेस्टर्स समिट चला। होटल ताज में शनिवार को मुख्यमंत्री ने इन्वेस्टर्स समिट देश के कई बड़े औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों के साथ राउंड टेबल पर सीधी बात की। बातचीत और सीएम के वादे के कारण राज्य में एक लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश का करार किया गया। उन्होंने कहा कि नई नीति झारखंड के कुशल मानव संसाधन के लिए रोजगार सृजन में मदद करेगी।
प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वाहन नीति का मसौदा तैयार
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से कहा कि झारखंड सरकार की ओर से प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वाहन नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है। आने वाले कुछ वर्षां में इलेक्ट्रिक वाहन ही भविष्य के वाहन हैं। इस सेक्टर में अपार संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। आजादी के बाद से झारखण्ड में ही सबसे बड़े संयंत्र और इकाइयां स्थापित की गई हैं। बहुत सारे अवसर झारखण्ड के समक्ष आये, लेकिन उन अवसरों का सही ढंग से उपयोग नहीं हो सका। राज्य सरकार इस परिदृश्य को बदलना चाहती है।
सोरेन ने कहा कि झारखंड असीम संभावनाओं और प्रतिभाशाली मानव संसाधन से सम्पन्न राज्य है। यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदायों का है। अगर उद्यमी साथी इन समुदायों के लिए रोजगार में प्रावधान करते हैं तो सरकार नीति में अन्य प्रोत्साहन का भी समावेश करेगी। झारखंड के लोग बहुत मेहनती हैं। ऐसे में उन्हें भी आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। साथ ही, हमारा राज्य नई ऊंचाइयों को छू सकेगा।
25 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन प्रदान करती है
सोरेन ने कहा, ‘‘झारखंड असीमित अवसरों की भूमि है। हम सभी निवेशकों का स्वागत करते हैं और हमारी सरकार आपके साथ खड़ी रहेगी। इससे हमारे कुशल कर्मचारियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।’’ जेआईआईपीपी में निवेशकों को नौ साल के लिए एसजीएसटी से 100 प्रतिशत और बड़े उद्योगों को 12 साल के लिए 75 प्रतिशत तक राहत देने का वादा किया गया है।
राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने निवेशकों को भरोसा दिया कि राज्य में कानून व्यवस्था की समस्या नहीं है। निवेशक बिना किसी भय के निवेश करें। यदि किसी भी तरह की समस्या आए तो वह सीधे तौर पर संपर्क कर सकते हैं।
प्रस्तावित योजना से अवगत हुए निवेशक
उद्योग विभाग की सचिव पूजा सिंघल ने कहा, ‘‘नई नीति के माध्यम से, हम निवेशकों को अधिकतम प्रोत्साहन देने और झारखंड में व्यापार के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं।’’ यह नीति महिलाओं और विशेष रूप से सक्षम निवेशकों और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के उद्यमियों के लिए अतिरिक्त पांच प्रतिशत प्रावधान के साथ व्यापक निवेश परियोजना सब्सिडी के रूप में 25 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन प्रदान करती है।
बैठक के दौरान उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने निवेशकों को इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के दायरे, इस क्षेत्र के लिए राज्य के दृष्टिकोण और इलेक्ट्रिक वाहन क्लस्टर स्थापित करने की सरकार की प्रस्तावित योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने निवेशकों को प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत प्रोत्साहन और प्रावधानों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सरकार कंपनियों को स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट प्रदान करने जा रही है। साथ ही, जो कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में ईवी नीति के लॉन्च होने के बाद से पहले 2 वर्षों के भीतर निवेश करते हैं, उन्हें जियाडा की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। एमएसएमई के लिए सात साल के लिए जीएसटी पर 100 प्रतिशत प्रोत्साहन, जबकि बड़े और वृहत उद्योगों के लिए क्रमशः नौ और 13 वर्ष के लिए छूट का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त वाहन पंजीकरण शुल्क से 100 प्रतिशत और रोड टैक्स 100 प्रतिशत छूट का प्रस्ताव है।
साथ ही, जो कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में ईवी नीति के लॉन्च होने के बाद से पहले दो वर्षों के भीतर निवेश करती हैं, उन्हें जियाडा द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर भूमि उपलब्ध कराएगा। एमएसएमई के लिए सात साल के लिए जीएसटी पर 100 प्रतिशत प्रोत्साहन, जबकि बड़े और वृहत उद्योगों के लिए क्रमशः नौ और 13 वर्ष के लिए छूट का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त वाहन पंजीकरण शुल्क से 100 प्रतिशत और रोड टैक्स 100 फीसदी छूट का प्रस्ताव है।
डालमिया समूह करेगा 500 करोड़ का निवेश
बिज़नेस टू गवर्नमेंट मीटिंग (बी2जी) में मुख्यमंत्री ने टाटा समूह, हुंडई मोटर्स, होंडा, मारुति सुजुकी, डालमिया सीमेंट, एनटीपीसी, सेल, गेल और वेदांता के शीर्ष नेतृत्व के साथ भाग लिया। इस दौरान स्टील, ऑटोमोबाइल, ई- व्हीकल, सीमेंट, पावर, ऑयल एंड गैस के क्षेत्र में निवेश के लिए चर्चा की गई। बी-2 जी बैठक के दौरान डालमिया सीमेंट समूह ने राज्य में 500 करोड़ रुपये निवेश करने की सहमति जताई है।
बिजनेस टू गवर्नमेंट मीटिंग (बी2जी) में मुख्यमंत्री ने टाटा समूह, हुंडई मोटर्स, होंडा, मारुति सुजुकी, डालमिया सीमेंट, एनटीपीसी, सेल, गेल और वेदांता के शीर्ष नेतृत्व के साथ भाग लिया। इस दौरान स्टील, ऑटोमोबाइल, ई- व्हीकल, सीमेंट, पावर, ऑयल एंड गैस के क्षेत्र में निवेश के लिए चर्चा की गई।
इस अवसर पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव एल खिंग्याते, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, पूजा सिंघल, स्थानीय आयुक्त एमआर मीणा एवं उद्योगपति उपस्थित रहे।