जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : सुपरटेक लिमिटेड कंपनी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के 40 मंजिला दो टावरों को गिराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि इनका निर्माण नियमों का उल्लंघन कर किया गया है. कोर्ट ने सुपरटेक को दोनों टावरों को नोएडा प्राधिकरण की निगरानी में तीन माह के भीतर तोड़ने के निर्देश दिये हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुपरटेक के 915 फ्लैट और दुकानों वाले 40 मंजिला दो टावरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण के साथ सांठगांठ कर किया गया है. कोर्ट ने इसके लिए नोएडा प्राधिकरण को भी कड़ी फटकार लगायी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस दोनों टावरों को अवैध करार देने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए उन्हें गिराने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण और कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत से यह निर्माण हुआ है. कोर्ट ने 3 अगस्त को पिछली सुनवाई में भी प्राधिकरण को काफी फटकार लगायी थी और कहा था कि ऑथरिटी को एक सरकारी नियामक संस्था की तरह व्यवहार करना चाहिए, न कि अपने हित के लिए एक निजी संस्था के तौर पर काम करना चाहिए. नोएडा के एमराल्ड कोर्ट स्थित ट्विन टावर गिराये जायेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है. रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के इन ट्विन टावरों को गिराने का आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी दिया था. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुपरटेक लिमिटेड की अपील पर सुनवाई की गयी. हाई कोर्ट ने 2014 के आदेश में नोएडा स्थित टि्वन टावर को तोड़ने का आदेश दिया था और अथॉरिटी के अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर अपील के दौरान रोक लगा दी थी.अवैध कंस्ट्रक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने की इस आदेश से बिल्डरों के होश ठिकाने आ गये है . सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि 40 मंजिला दोनों टावर ढहा दिये जायें. बता दें कि दोनों टावर बन चुके हैं. सैकड़ों फ्लैट बुक हो चुके हैं .
दोनों इमारतें, सेक्टर 93 यानी एक्सप्रेसवे की तरफ हैं. सुपरटेक के एक अधिकारी केअनुसार दोनों टावर्स में करीब 1000 फ्लैट हैं. 633 फ्लैट बुक हुए थे. इसमें से 133 लोग दूसरे प्रोजेक्ट में मूव कर गये. 248 ने पैसा वापस ले लिया, जबकि 252 लोगों का पैसा अभी भी फंसा हुआ है. उन्हें उम्मीद थी कि शायद एक दिन उनका पैसा वापस मिल जाये.
सुनवाई के क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक से कहा, एमराल्ड कोर्ट टावर के लिए होम बायर्स की स्वीकृति नहीं ली गयी थी. साथ ही SC ने सुपरटेक कंपनी को दो माह के भीतर बायर्स को रिफंड देने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने ट्विन टावर को तीन महीने में ध्वस्त करने का आदेश दिया है.
इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को कहा कि वह बायर्स को दो महीने के भीतर उसके पैसे रिफंड करे और 12 फीसदी ब्याज का भी भुगतान करे. सुपरटेक से आरडब्ल्यूए को 2 करोड़ रुपये का भुगतान करने को भी कहा गया है. जान लें कि टावर के खिलाफ आरडब्ल्यूए ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमराल्ड कोर्ट टावर के लिए तमाम फायर सेफ्टी नॉर्म्स और यूपी अपार्टमेंट एक्ट का उल्लं घन हुआ था.
कंस्ट्रक्शन के लिए सुपरटेक के साथ नोएडा अथॉरिटी ने अवैध साठगांठ की थी और टावर बनाया गया. सुनवाई के क्रम में नोएडा अथॉरिटी ने कहा था कि प्रोजेक्ट को नियम के तहत मंजूरी दी गयी थी. दलील दी थी कि प्रोजेक्ट में किसी भी ग्रीन एरिया और ओपन स्पेस समेत किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है. लेकिन फ्लैट बायर्स द्वारा दलील दी गयी कि बिल्डर ग्रीन एरिया को नहीं बदल सकता है.