अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली : पंजाब में कांग्रेस की राजनीतिक सरगरमी एकबार तेज हो गई है। कांग्रेस में संकट बढ़ने के बाद अमरेंद्र सिंह ने सोनिया गांधी से बात की और बार बार हो रहे अपने ‘अपमान’ को लेकर नाराजगी जताई तो दूसरी तरफ विधायक दल की बैठक में पार्टी नेताओं के मन की बात सामने आई। 50 से अधिक विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि अमरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाए। बताया जाता है कि यह संकट ‘गंभीर’ है क्योंकि बहुत सारे विधायकों ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री को बदलने की मांग की है। वरिष्ठ नेताओं अजय माकन और हरीश चौधरी को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया । कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी विधायक दल की बैठक में मौजूद रहेंगे। सूत्रों ने बताया कि विधायकों की मांग और आपात स्थिति में बैठक बुलाए जाने के मद्देनजर विधायक दल की इस बैठक में कुछ भी हो सकता है। अगर विधायक अपनी मांग पर अड़े रहते हैं तो फिर इसी बैठक में ही नेतृत्व परिवर्तन को लेकर फैसला हो सकता है। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने से क्या पार्टी का संकट समाप्त हो जाएगा?
एआईसीसी के महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस के अनेक विधायकों ने एआईसीसी से पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक तत्काल बुलाने का अनुरोध किया। इस ट्वीट में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह और पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को भी टैग किया। सिद्धू ने ट्विटर पर लिखा, ‘एआईसीसी के निर्देश पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यालय में 18 सितंबर 2021 को शाम पांच बजे बुलाई गई है।’ पिछले महीने, राज्य के चार मंत्रियों और अनेक विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ असंतोष के स्वर उठाए थे और कहा था कि उन्हें अब इस बात का भरोसा नहीं है कि अमरिंदर सिंह में अधूरे वादों को पूरा करने की क्षमता है।
कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक से पहले पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि राहुल गांधी ने पार्टी की राज्य इकाई में उलझी हुई गुत्थी को सुलझाने का जो रास्ता अपनाया है उसने न सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है, बल्कि अकाली दल की बुनियाद हिल गई है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘वाह राहुल गांधी, आपने बेहद उलझी हुई गुत्थी के पंजाबी संस्करण के समाधान का रास्ता निकाला है। आश्चर्यजनक ढंग से नेतृत्व के इस साहसिक फैसले ने न सिर्फ पंजाब कांग्रेस के झंझट को खत्म किया है, बल्कि इसने कार्यकर्ताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है और अकालियों की बुनियाद हिला दी है।’ गौरतलब है कि कांग्रेस की पंजाब इकाई में जारी तनातनी के बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के निर्देश पर शनिवार शाम राज्य के कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने शुक्रवार रात को इस बारे में घोषणा की। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी की पृष्ठभूमि में हो रही विधायक दल की इस बैठक की वजह से नेतृत्व परिवर्तन की भी अटकलें लग रही हैं, हालांकि अभी पार्टी की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है।