जनजीवन ब्यूरो
नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश के दादरी की घटना ने से राष्ट्रपति आहत हैं जबकि प्रधानमंत्री की चुप्पी के कारण राजनीतिक दलों की आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम भारत की सभ्यता के मूल मूल्यों को यूं ही खत्म नहीं होने दे सकते हैं. भारत की विविधता, सहिष्णुता और बहुलता के मूल मूल्यों को ध्यान में रखा जाना चाहिए. राष्ट्रपति के इस बयान को अहम माना जा रहा है क्योंकि दादरी मामले को लेकर देश में राजनीति जारी है.
दादरी में 28 सितंबार की रात बिसहड़ा गांव में बीफ पकाने का आरोप लगाकर भीड़ ने अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और उनके बेटे को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. पुलिस ने 11 युवकों को गिरफ्तार किया जिसमें से आठ लोगों के संबंध भाजपा नेता संजय राणा के साथ हैं. इस मामले को लेकर पीएम की चुप्पी पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने कल ही ट्वीट करके कहा था कि इस मामले पर देश की जनता प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ जानना चाह रही है.
दादरी घटना की निंदा करते हुए अरुण जेटली ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं देश की छवि खराब करती हैं. वित्त मंत्री ने मंगलवार को न्यूयार्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक व्याख्यान के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘भारत एक परिपक्व समाज है. हमें इस तरह की घटनाओं से ऊपर उठने की जरूरत है क्योंकि जहां तक देश की बात है तो निस्संदेह यह देश की छवि के लिए अच्छी नहीं हैं.
पिता की मौत के बाद न्याय का इंतजार कर रहे अखलाक के बेटे सरताज को अभी भी आराम नहीं है. न्याय की जगह परिवार राजनीतिक खेल का शिकार हो रहा है. अखलाक का बेटा सरताज भारतीय वायुसेना में कार्यरत है. वह आज भी बेचैन और परेशान रहता है. सरताज ने कहा कि इस मामले को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सरताज ने कहा कि सरकार अपना काम कर रही है. मुझे विश्वास है कि दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. सरताज ने कहा कि सरकार ने कहा है कि जो भी दोषी होंगे उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जायेगी.