जनजीवन ब्यूरो / लखीमपुर खीरी : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा ‘मोनू’ से लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में यहां पुलिस लाइन स्थित अपराध शाखा कार्यालय में पूछताछ जारी है। हिंसा में 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत के मामले में मिश्रा और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मंत्री के बेटे के पूछताछ के लिए पेश होने के बाद अपना मौन धरना शनिवार को समाप्त कर दिया। आशीष मिश्रा सुबह 11 बजे से पहले विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष पेश हुए। आशीष को शुक्रवार को पुलिस ने दूसरी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए शनिवार सुबह 11 बजे तक पेश होने को कहा था। वह शुक्रवार को लखीमपुर खीरी में पुलिस के सामने पेश नहीं हुए थे, इसलिए उनके घर के बाहर दूसरा नोटिस चस्पा किया गया था। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। इस मामले में सिद्धू ने निघासन तहसील में स्थानीय पत्रकार राम कश्यप के घर के बाहर शुक्रवार शाम 6:15 बजे से अपना मौन धरना शुरू किया था, कश्यप की तीन अक्तूबर की घटना में मृत्यु हो गई थी। अनशन समाप्त करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धू ने कहा कि यह सत्य की जीत है। कोई व्यक्ति राजा हो सकता है, लेकिन न्याय से बड़ा कोई नहीं है। न्याय है तो शासन है, और यदि न्याय नहीं है, कुशासन है। यह किसानों के परिवारों, लवप्रीत सिंह के परिवार और रमन कश्यप के परिवार की जीत है। मारे गए चार किसानों में लखीमपुर के पलिया गांव के लवप्रीत सिंह भी शामिल है। पुलिस उप महानिरीक्षक (मुख्यालय) उपेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व वाली एसआईटी आशीष से पूछताछ कर रही है। मामले में बृहस्पतिवार को दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद, पुलिस ने आशीष मिश्रा के घर के बाहर एक नोटिस चिपकाया था, जिसमें उन्हें एसआईटी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था।
शुक्रवार को लखनऊ में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने अपने बेटे को ‘निर्दोष’ बताते हुए शुक्रवार को कहा कि उनका बेटा ‘अस्वस्थ’ है और उन्होंने स्वयं कहा कि मैं कल पेश होकर अपना कथन जांच एजेंसी के सामने दूंगा, वो निर्दोष हैं।’ वह शनिवार को यानि आज पुलिस के सामने पेश होगा।
मिश्रा ने लखनऊ एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा, “हमें कानून पर भरोसा है, मेरा बेटा निर्दोष है, उसे गुरुवार को नोटिस मिला लेकिन उसने कहा कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। वह शनिवार को पुलिस के सामने पेश होगा और अपने निर्दोष होने के बारे में बयान और सबूत देगा।’
यह पूछे जाने पर कि विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है, उन्होंने कहा कि उनके पद से इस्तीफा देने की मांग सिर्फ विपक्ष कर रहा है। विपक्ष का तो यही काम है। उन्हें कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जो निष्पक्ष जांच करती है। जो भी जांच के दौरान दोषी पाया जाएगा, उसे सजा मिलेगी।
नोटिस में साफ तौर पर उनके ऊपर लगे आरोपों और धाराओं का जिक्र है। यह नोटिस क्राइम ब्रांच लखीमपुर खीरी के प्रभारी की तरफ से चस्पा किया गया है। जिसमें कहा गया है कि वह कल (9 अक्टूबर) 11:00 बजे तक पुलिस लाइन की क्राइम ब्रांच में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराए। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो पुलिस आगे उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई को अमल में लाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को यूपी सरकार से कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार ना करने को लेकर आप क्या संदेश दे रहे हैं। वहीं, कोर्ट ने मामले को लेकर प्रदेश सरकार से यह भी कहा कि क्या आप देश में हत्या के अन्य मामलों में भी आरोपियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करते हैं?
आशीष मिश्रा के खिलाफ बहराइच जिले निवासी जगजीत सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई है। आशीष के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149 (दंगों से संबंधित), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (किसी शख्स को चोट पहुंचाना जिससे उसकी जान को खतरा हो), 304-ए (लापरवाही से मौत), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज हुआ है।
बता दें कि पिछले रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। आरोप हैं कि इन किसानों को वाहन से टक्कर मारी गयी थी.।किसानों ने दावा किया था कि आशीष मिश्रा काफिले के किसी वाहन में सवार थे हालांकि, आशीष और उनके पिता अजय मिश्रा ने इन आरोपों से इनकार किया था। पुलिस ने मंत्री के बेटे और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के लिए उप महानिरीक्षक (डीआईजी) उपेंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय टीम का गठन किया था।