अमलेंदु भूषण खां
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश का या तो बार बार दौरा करते हैं या फिर स्वयं वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लोगों से बात करते हैं। यह बात अलग है कि मोदी साल 2014 से उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सांसद हैं, लेकिन मात्र सांसद रहने के कारण ऐसा संभव नहीं है। जुड़ाव के लिए मन का जुड़ना बेहद जरुरी होता है। बड़ी-बड़ी योजनाओं की सौगात की बात तो छोड़िए मुरादाबाद में हुई सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों और घायल लोगों के लिए सहायता राशि की मंजूरी देकर अपने ट्वीटर हैंडल से इसकी जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। मुरादाबाद के सड़क दुर्घटना के मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मोदी ने दी थी।
अपने मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने कहा आपसे बुदेलखंड के बारे में बात करूँ तो वो कौन सी चीजें हैं, जो आपके मन में आएंगी! इतिहास में रूचि रखने वाले लोग इस क्षेत्र को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ जोड़ेंगे। वहीँ, कुछ लोग सुन्दर और शांत ‘ओरछा’ के बारे में सोचेंगे। कुछ लोगों को इस क्षेत्र में पड़ने वाली अत्यधिक गर्मी की भी याद आ जाएगी, लेकिन, इन दिनों, यहां, कुछ अलग हो रहा है, जो, काफी उत्साहवर्धक है, और जिसके बारे में, हमें, जरुर जानना चाहिए। पिछले दिनों झांसी में एक महीने तक चलने वाला ‘स्ट्राबेरी उत्सव’ शुरू हुआ। हर किसी को आश्चर्य होता है – ‘स्ट्राबेरी उत्सव’ और बुंदेलखंड! लेकिन, यही सच्चाई है। अब बुंदेलखंड में ‘स्ट्राबेरी उत्सव’ की खेती को लेकर उत्साह बढ़ रहा है, और, इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है, झाँसी की एक बेटी – गुरलीन चावला ने। कानून की छात्रा गुरलीन ने पहले अपने घर पर और फिर अपने खेत में ‘स्ट्राबेरी ’ की खेती का सफल प्रयोग कर ये विश्वास जगाया है कि झाँसी में भी ये हो सकता है। झाँसी का ‘स्ट्राबेरी उत्सव’ घरों पर रहने पर जोर देता है।
22 जनवरी को पीएम मोदी वाराणसी में कोविड टीकाकरण अभियान के लाभार्थियों और टीके लगाने वालों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े और टीकाकरण के बारे में अपने प्रत्यक्ष अनुभव को साझा किया।
दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री की वैज्ञानिकों, राजनीतिक नेताओं, अधिकारियों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर संवाद और चर्चा चल रही है।
इससे पहले मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के लिए 6 लाख से अधिक लाभार्थियों को वित्तीय सहायता जारी कर लाभार्थियों से बातचीत भी की। मोदी ने पांच साल पहले आगरा से प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत करने के पल को याद किया। उनका कहना है कि इस योजना ने भारतीय गांवों का चेहरा बदलना शुरू कर दिया है। यह योजना लाखों लोगों की आशाओं से जुड़ी हुई है और गरीबों को यह विश्वास दिलाया है कि वह भी मकान मालिक हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश उन राज्यों में से है जो गरीबों के लिए घर बनाने के काम में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज, राज्य के 6 लाख परिवारों को उनके बैंक खाते में कुल 2600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पहुंच जायेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन 6 लाख परिवारों में से, 5 लाख को पहली किस्त मिलेगी, जिसका अर्थ है कि 5 लाख परिवारों के लिए, उनके जीवन का इंतजार समाप्त हो गया है। इसी तरह, 80 हजार परिवारों को उनकी दूसरी किस्त मिली, जिसका मतलब है कि अगली सर्दियों तक उनका अपना घर होगा।
ऐसा कोई माह नहीं है जब पीएम मोदी या तो उत्तर प्रदेश की यात्रा करते हैं या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यूपी की जनता से मुखातिब नहीं होते हैं। मोदी के यूपी दौरों पर एक नज़र डालें तो ये सभी कार्यक्रम प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुए हैं और इनके ज़रिए उन्होंने आधी से ज़्यादा लोकसभा सीटों को कवर कर लिया है।
इतना ही नहीं, इन यात्राओं और बातचीत के ज़रिए जातीय समीकरणों को भी साधने की ज़बर्दस्त कोशिश की जा रही है और सरकार की विकास की छवि को गढ़ने और उसे लोगों तक पहुंचाने का भी भरसक प्रयास कर रहे हैं।
5 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ में ‘आजादी@75- नया शहरी भारत: शहरी परिदृश्य में बदलाव’ सम्मेलन-सह-एक्सपो के उद्घाटन के बहाने उत्तर प्रदेशवासियों को साघने का पूरा प्रयास किया। मोदी ने डिजिटली प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत बनाए गए घरों की चाबी उत्तरप्रदेश के 75 जिलों के 75 हजार लाभार्थियों को सौंपी। योजना के लाभार्थियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत भी की। स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत के तहत उत्तरप्रदेश की 75 शहरी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास किया। इसके साथ ही लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, झांसी और गाजियाबाद समेत सात शहरों के लिये फेम-II के तहत 75 बसों को झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के विभिन्न प्रमुख मिशनों के तहत क्रियान्वित 75 परियोजनाओं के ब्यौरे वाली एक कॉफी-टेबल बुक भी जारी की। प्रधानमंत्री ने लखनऊ के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी पीठ की स्थापना कर मतदाताओं को साधने की पूरी कोशिश की है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की लाभार्थी और आगरा की रहने वाली विमलेश ने प्रधानमंत्री से कहा इस योजना से उन्हें लाभ हुआ है। साथ ही गैस सिलेंडर, शौचालय, बिजली, पानी के कनेक्शन और राशन-कार्ड आदि योजनाओं से भी उन्हें लाभ मिला है। प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि वे सरकारी योजनाओं से लाभ उठायें और अपने बच्चों, खासतौर से अपनी बेटियों को पढ़ायें।
दूध बेचने वाली कानपुर की राम जानकी से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या उन्हें स्वामित्व योजना का लाभ मिला है। राम जानकी ने बताया कि उन्होंने 10 हजार का ऋण लिया था और उसे अपने व्यापार में लगाया है। प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि वे डिजिटल लेन-देन द्वारा अपने व्यापार को बढ़ायें।
प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना की लाभार्थी ललितपुर की बबिता से उनकी आजीविका और योजना के अनुभव के बारे में सवाल किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जन धन खाते से लाभार्थियों के खातों में सीधे पैसा भेजने में सहायता मिलती है। प्रौद्योगिकी से सबसे ज्यादा फायदा निर्धन लोगों को होता है। प्रधानमंत्री ने सभी लाभार्थियों के साथ बहुत सरलता और आत्मीयता से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्यादातर सम्पत्तियां घर के पुरुषों के नाम पर हैं। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना में 80 प्रतिशत घरों की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर की जा रही है या वे उसकी संयुक्त स्वामी हैं। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने पीएम आवास योजना के तहत शहरों में 1 करोड़ 13 लाख से ज्यादा घरों के निर्माण को मंजूरी दी है। इसमें से 50 लाख से ज्यादा घर बनाकर, उन्हें गरीबों को सौंपा भी जा चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे जो साथी, झुग्गी-झोपड़ी में जिंदगी जीते थे, उनके पास पक्की छत नहीं थी, ऐसे तीन करोड़ परिवारों को लखपति बनने का अवसर मिला है। मोदी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश में जो करीब-करीब 3 करोड़ घर बने हैं, आप उनकी कीमत का अंदाजा लगाइए। ये लोग लखपति बने हैं।’
मोदी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करने से भी नहीं चूकते और पूर्व की सरकारों पर हमला करने का अवसर नहीं छोड़ते हैं। मोदी ने कहा कि यूपी में मौजूदा सरकार से पहले, पहले की सरकारों ने योजनाओं को लागू करने के लिए अपने पैर पीछे खींचे थे, क्योंकि 18000 से अधिक घरों को मंजूरी दी गई थी, किंतु उस समय 18 घरों का निर्माण भी नहीं किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि योगी आदित्यनाथ की वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद, 9 लाख से अधिक आवास इकाइयां शहरी गरीबों को सौंप दी गईं और 14 लाख इकाइयां निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। ये घर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एलईडी स्ट्रीट लाइट लगने से शहरी निकायों के भी हर साल करीब 1000 करोड़ रुपये बच रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब ये राशि विकास के दूसरे कार्यों में उपयोग में लाई जा रही है। एलईडी ने शहर में रहने वाले लोगों का बिजली बिल भी बहुत कम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को, स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों से जोड़ा जा रहा है। इस योजना के माध्यम से 25 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को 2500 करोड़ रुपये से अधिक की मदद दी गई है। इसमें भी यूपी के 7 लाख से ज्यादा लाभार्थियों ने स्वनिधि योजना का लाभ लिया है।
स्थानीय भाषा से अपने भाषण की शुरुआत कर लोगों के दिलों तक पहुंचने की कला मोदी से सिखनी चाहिए। 15 जुलाई को वाराणसी यात्रा के दौरान मोदी ने इसका उदाहरण पेश करते हुए कहा लंबे समय बाद आप सब लोगन से सीधा मुलाकात का अवसर मिल लहौ। काशी के सभी लोगन के प्रणाम ! हम समस्त लोक के दुख हरे वाले भोलेनाथ, माता अन्नपूर्णा के चरण में भी शीश झुकावत हई !
काशी के विकास से जुड़े 15 सौ करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण करने का अवसर मुझे मिला है। बनारस के विकास के लिए जो कुछ भी हो रहा है, वो सब कुछ महादेव के आशीर्वाद और बनारस की जनता के प्रयास से ही जारी है। मुश्किल समय में भी काशी ने दिखा दिया है कि वो रुकती नहीं है, वो थकती नहीं है।
कोरोना काल में योगी सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा काशी सहित, यूपी ने पूरे सामर्थ्य के साथ इतने बड़े संकट का मुकाबला किया। देश का सबसे बड़ा प्रदेश, जिसकी आबादी दुनिया के दर्जनों बड़े-बड़े देशों से भी ज्यादा हो, वहां कोरोना की दूसरी वेव को जिस तरह यूपी ने संभाला, सेकेंड वेव के दौरान यूपी ने जिस तरह कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका, वो अभूतपूर्व है। वरना यूपी के लोगों ने वो दौर भी देखा है जब दिमागी बुखार, इन्सेफ्लाइटिस जैसी बीमारियों का सामना करने में यहां कितनी मुश्किलें आती थीं।
मोदी विपक्षी दलों की सरकारो पर हमला करते हुए कहा था कि पहले के दौर में, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और इच्छा-शक्ति के अभाव में छोटे-छोटे संकट भी यूपी में विकराल हो जाते थे। और ये तो 100 साल में पूरी दुनिया पर आई सब से बड़ी आफत है, सबसे बड़ी महामारी है। इसलिए कोरोना से निपटने में उत्तर प्रदेश के प्रयास उल्लेखनीय हैं। मुझे याद है कि आधी रात में भी जब मैं यहां व्यवस्था में जुटे लोगों को फोन करता था, तो वो मोर्चे पर तैनात मिलते थे। कठिन समय था, लेकिन आपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ी। आप सभी के ऐसे ही कार्यों का नतीजा है कि आज यूपी में हालात फिर संभलने लगे हैं।
मोदी लोगों की दुखती रगों पर हाथ रखने से पीछे नहीं हटते हैं। यूपी में चार साल पहले तक जहां यूपी में दर्जन भर मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे, उनकी संख्या अब करीब चार गुना हो चुकी है। बहुत सारे मेडिकल कॉलेजों का निर्माण अपने अलग-अलग चरणों में हैं। अभी यूपी में करीब साढ़े 5 सौ ऑक्सीजन प्लांट्स बनाने का काम भी तेज़ी से चल रहा है। कोरोना से जुड़ी नई स्वास्थ्य सुविधाओं के निर्माण के लिए हाल में केंद्र सरकार ने 23 हज़ार करोड़ रुपए का विशेष पैकेज घोषित किया।
काशी नगरी पूर्वांचल का बहुत बड़ा मेडिकल हब बन रही है। जिन बीमारियों के इलाज के लिए कभी दिल्ली और मुंबई जाना पड़ता था, उनका इलाज आज काशी में भी उपलब्ध है। बीते सात सालों में काशी, अपनी मौलिक पहचान बनाए रखते हुए भी विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। पूरे क्षेत्र में, चाहे वो नेशनल हाईवे का काम हों, फ्लाई ओवर हों या रेलवे ओवरब्रिज हो या चाहे तारों का जंजाल दूर करने के लिए पुरानी काशी में अंडर ग्राउंड वायरिंग का सिस्टम हो, पेयजल और सीवर की समस्याओं का निदान हो, पर्यटन को बढ़ाने के लिए विकास कार्य हो, सभी में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। इस समय भी इस क्षेत्र में लगभग 8 हज़ार करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। नए प्रोजेक्ट, नए संस्थान काशी की विकास गाथा को और जीवंत बना रहे हैं।
काशी की, मां गंगा की, स्वच्छता और सुंदरता के लिए सड़क हो, सीवेज ट्रीटमेंट हो, पार्कों और घाटों का सुंदरीकरण हो, ऐसे हर मोर्चे पर काम हो रहा है। पंचकोशी मार्ग का चौड़ीकरण पूरा होने से श्रद्धालुओं को भी सुविधा होगी और इस मार्ग पर पड़ने वाले दर्जनों गांवों का जीवन भी आसान बनेगा। वाराणसी-गाज़ीपुर मार्ग पर जो सेतु है, उसके खुलने से वाराणसी के अलावा प्रयागराज, गाजीपुर, बलिया, गोरखपुर और बिहार आने-जाने वालों को भी बहुत आसानी होगी। गौदौलिया में मल्टीलेवल टूव्हीलर पार्किंग बनने से कितनी ‘किचकिच’ कम होगी, ये बनारस के लोगों को भली-भांति पता है। वहीं लहरतारा से चौका घाट फ्लाइओवर के नीचे भी पार्किंग से लेकर दूसरी जनसुविधाओं का निर्माण बहुत जल्द पूरा हो जाएगा। बनारस की, यूपी की, किसी भी बहन को, किसी भी परिवार को शुद्ध जल के लिए परेशान ना होना पड़े, इसके लिए ’हर घर जल अभियान’ पर भी तेजी से काम हो रहा है।
रो-रो सेवा और क्रूज़ बोट के संचालन से काशी का टूरिज्म सेक्टर और फलने-फूलने वाला है। यही नहीं मां गंगा की सेवा में जुटे नाविकों को भी बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। डीजल नावों को CNG में बदला जा रहा है। इससे उनका खर्च भी कम हो रहा है, पर्यावरण को भी लाभ होगा और पर्यटक भी आकर्षित होंगे।
निवेशकों के आकर्षण का केंद्र भी यूपी बन रहा है। मोदी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश, देश के अग्रणी इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। कुछ साल पहले तक जिस यूपी में व्यापार-कारोबार करना मुश्किल माना जाता था, आज मेक इन इंडिया के लिए यूपी पसंदीदा जगह बन रहा है। इसका एक बड़ा कारण है यूपी में योगी सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस। सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी में आए अभूतपूर्व सुधार से यहां का जीवन तो आसान हो ही रहा है, कारोबार करने में भी अधिक सुविधा हो रही है। राज्य के कोने-कोने को चौड़ी और आधुनिक सड़कों- एक्सप्रेसवे से जोड़ने का काम यहां तेज़ी से चल रहा है। डिफेंस कॉरिडोर हो, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे हो या बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे हो या गंगा एक्सप्रेसवे, ये इस दशक में उत्तर प्रदेश के विकास को नई बुलंदी देने वाले हैं। इन पर सिर्फ गाड़ियां ही नहीं चलेंगी बल्कि इनके इर्द-गिर्द आत्मनिर्भर भारत को ताकत देने वाले नए औद्योगिक क्लस्टर भी तैयार होंगे।
कृषि से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी यूपी में निरंतर काम चल रहा है। वाराणसी हो, पूर्वांचल हो, यहां पैरिशेबल कार्गो सेंटर, इंटरनेशनल राइस सेंटर जैसी अनेक आधुनिक व्यवस्थाएं आज किसानों के काम आ रही हैं। ऐसे ही अनेक प्रयासों के कारण लंगड़ा और दशहरी आम आज यूरोप से लेकर खाड़ी देशों में अपनी मिठास भर रहा है।
ऐसा नहीं है कि 2017 से पहले यूपी के लिए योजनाएं नहीं आती थीं, पैसा नहीं भेजा जाता था! लेकिन तब लखनऊ में उनमें रोड़ा लग जाता था। आज योगी खुद कड़ी मेहनत कर रहे हैं। काशी के लोग तो देखते ही हैं कैसे योगी लगातार यहाँ आते हैं, एक-एक विकास योजना की समीक्षा करते हैं, खुद ऊर्जा लगाकर कामों को गति देते हैं। ऐसी ही मेहनत ये पूरे प्रदेश के लिए करते हैं। हर एक जिले में जाते हैं, हर एक काम के साथ खुद लगते हैं। यही वजह है कि यूपी में बदलाव के ये प्रयास आज एक आधुनिक यूपी बनाने में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
आज यूपी में कानून का राज है। माफियाराज और आतंकवाद, जो कभी बेकाबू हो रहे थे, उन पर अब कानून का शिकंजा है। बहनों-बेटियों की सुरक्षा को लेकर माँ-बाप हमेशा जिस तरह डर और आशंकाओं में जीते थे, वो स्थिति भी बदली है। आज बहन बेटियों पर आँख उठाने वाले अपराधियों को पता है कि वो कानून से बच नहीं पाएंगे। एक और बड़ी बात, यूपी में सरकार आज भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से नहीं विकासवाद से चल रही है। इसीलिए, आज यूपी में जनता की योजनाओं का लाभ सीधा जनता को मिल रहा है। इसीलिए, आज यूपी में नए-नए उद्योगों का निवेश हो रहा है, रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
( जनमानस विवेचना पत्रिका से साभार)