जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को पिछले दो माह के अंतराल में 6 फीसदी महंगाई भत्ते देने की घोषणा की है, लेकिन खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का कहना है कि जरूरी चीजें की कीमतें नहीं बढ़ी है। मंत्रालय के सचिव सुधांशु पांडेय का कहना है कि पिछले साल की तुलना में अभी भी कम है।
कोरोना के कारण केंद्र सरकार ने कर्मचारियों व पेंशनरों के DA को न बढ़ाने का फैसला लिया था। जिसके कारण इस साल के मध्यतक किसी प्रकार के महंगाई भत्ते कर्मचारियों व पेंशनरों नहीं दिए गए। लेकिन लगभग दो माह पहले तीन फीसदी महंगाई भत्ते बढ़ाने की घोषणा की। महंगाई बढ़ने के कारण केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को अपने कर्मचारियों व पेंशनरों को तीन फीसदी महंगाई भत्ते देने की घोषणा की है। यानि इस साल छह फीसदी महंगाई भत्ते केंद्रीय कर्मियों को दिए जा चुके हैं। महंगाई भत्ते महंगाई बढ़ने के बाद ही सरकार अपने कर्मचारियों व पेंशनरों को देती है। लेकिन आज खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के सचिव संवाददाताओं से कहा कि अभी भी महंगाई पिछले साल की तुलना में कम है। जबकि बाजारों में प्याज 60 रुपए मिल रहा है तो सरसों तेल 200 रुपए प्रति लिटर है।
सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि इंडोनेशिया और मलयेशिया में श्रम संबंधी समस्याओं के चलते कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इजाफा हुआ है। पॉम तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही हैं, लेकिन भारत में कम हो रही हैं।
पांडेय ने कहा कि सरसों के तेल के उत्पादन में लगभग 10 मीट्रिक टन की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि सरसों के तेल की कीमतों के फरवरी तक कम होने के आसार प्रतीत हो रहे हैं। अन्य देशों की तुलना में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम करने के लिए राज्यों के साथ केंद्र सरकार का दखल बहुत तेज है।
सुधांशु पांडेय ने कहा कि प्याज की कीमतें कम हैं, हमने इसके भाव में असाधारण तेजी नहीं देखी है। राज्यों का भी यही विचार है। प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध जैसी स्थिति फिलहाल दिखाई नहीं दे रही है। हम राज्यों को प्याज की पेशकश 26 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर कर रहे हैं।