जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तकनीकी परामर्शदाता समूह ने भारत बायोटेक के कोविड रोधी टीके कोवैक्सीन के लिए ‘आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध’ (ईयूएल) के दर्जे की सिफारिश की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। डब्ल्यूएचओ ईयूएल के उपयोग के लिए कोवैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़ों का मूल्यांकन कर रहा है। तकनीकी परामर्शदाता समूह ने 26 अक्टूबर को टीके को आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध करने के लिहाज से अंतिम ‘जोखिम-लाभ मूल्यांकन’ करने के लिए कंपनी से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे थे। एक सूत्र ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के तकनीकी परामर्शदाता समूह ने कोवैक्सीन के लिए आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध के दर्जे की सिफारिश की है। डब्ल्यूएचओ का तकनीकी परामर्शदाता समूह एक स्वतंत्र सलाहकार समूह है जो डब्ल्यूएचओ को यह सिफारिश करता है कि क्या किसी कोविड-19 रोधी टीके को ईयूएल प्रक्रिया के तहत आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है या नहीं। कोवैक्सीन ने लक्षण वाले कोविड-19 रोग के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है और वायरस के नये डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत सुरक्षा दर्शाई है। कंपनी ने जून में कहा था कि उसने तीसरे चरण के परीक्षणों से कोवैक्सीन के प्रभाव का अंतिम विश्लेषण समाप्त किया है।
कोवैक्सीन की एक्सपायरी डेट अब एक साल
टीका निर्माता ‘भारत बायोटेक’ ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने उसके कोविड-19 टीके कोवैक्सीन के इस्तेमाल के लिए उपयुक्त होने (शेल्फ लाइफ) की अवधि बढ़ाकर निर्माण की तारीख से 12 महीने तक कर दी है। भारत बायोटेक ने ट्वीट किया, ‘सीडीएससीओ ने इस्तेमाल के लिए कोवैक्सीन के उपयुक्त होने की अवधि निर्माण की तारीख से 12 महीने तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इस्तेमाल के लिए उपयुक्त होने की अवधि में विस्तार की यह मंजूरी अतिरिक्त स्थिरता आंकड़ों की उपलब्धता पर आधारित हैं। इन आंकड़ों को सीडीएससीओ को सौंपा गया था।’ उसने बताया कि ‘‘हमारे हितधारकों” को इस अवधि में विस्तार की जानकारी दे दी गई है।
किन देशों ने पहले ही दे रखी है भारत की कोवाक्सीन को मान्यता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवाक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। आज बुधवार को डब्ल्यूएचओ की हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने भी कोवाक्सीन की दोनों डोज लगवाने वाले भारतीयों के सर्टिफिकेट को मान्यता देने का एलान किया था। भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त, बैरी ओ’फेरेल एओ ने सोमवार को यह जानकारी दी थी।
कोवाक्सीन को अब तक वैश्विक स्तर पर मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इस कारण कई देशों में इस वैक्सीन की डोज लगवाने वाले लोगों को यात्रा करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।डब्ल्यूएचओ द्वारा 26 अक्तूबर को भी कोवाक्सीन को मान्यता देने के लिए बैठक आयोजित की गई थी, इसमें निर्माता कंपनी भारत बायोटेक से अतिरिक्त डाटा साझा करने के लिए कहा गया था।
हालांकि, कुछ देश डब्ल्यूएचओ से पहले ही भारत के इस स्वदेशी टीके को मंजूरी दे चुके हैं। अब तक 15 देशों ने अपने यहां भारत की कोवाक्सीन को मान्यता दी है। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, गुयाना, ग्रीस, एस्तोनिया, ईरान, मॉरिशस, मेक्सिको, नेपाल, पराग्वे, फिलीपींस और जिम्बाब्वे शामिल है।