जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग पर संसद में गतिरोध जारी है। बुधवार को संसद में कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने एक बार फिर हंगामा किया। राहुल गांधी ने संसद के बाहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। वहीं, पीयूष गोयल ने इस मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे को बेवजह का हंगामा बताया। उन्होंने आरोप लगाया का विपक्ष संसद नहीं चलने दे रहा है।
संसद के बाहर राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष अजय मिश्र टेनी का इस्तीफा चाहता है। लेकिन, सरकार इस मुद्दे पर न तो संसद में चर्चा करने के लिए तैयार है, न ही उसे पद से हटाने के लिए। सरकार इस मुद्दे पर सिर्फ बहाने बना रही है। राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा कि कहा जा रहा है कि लखीमपुर खीरी की घटना साजिश थी. राहुल ने कहा कि बिल्कुल यह साजिश है।
राहुल गांधी ने कहा कि हम गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का इस्तीफा चाहते हैं। हम इस मुद्दे पर संसद में बहस करना चाहते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे इंकार कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम सरकार पर कितना दबाव डालें कि वे कार्रवाई करने के लिए तैयार हों।
राहुल गांधी ने कहा कि जब तक सरकार कार्रवाई नहीं करेगी, हम उन पर दबाव डालते रहेंगे। हम सुनिश्चित करेंगे कि इस अपराधी को, जो केंद्र में मंत्री है, इस्तीफा देना पड़े। राहुल गांधी ने कहा कि हमने कहा था कि कृषि कानूनों को वापस लेना होगा, सभी लोगों ने मिलकर दबाव डाला और केंद्र को कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
लखीमपुर खीरी की घटना के मुद्दे पर संसद में विपक्ष के हंगामा को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आधारहीन बताया। कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप घटना की जांच चल रही है। विपक्ष को अच्छे से पता है कि संसदीय नियमों के मुताबिक, न्यायालय में विचाराधीन मामलों पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती।
पीयूष गोयल ने आरोप लगाया कि विपक्ष राज्यसभा को नहीं चलने दे रहा। वे दुष्प्रचार कर रहे हैं। आज राज्यसभा में ओमिक्रॉन वैरिएंट पर चर्चा होनी थी, लेकिन विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए उन्होंने जनसरोकार से जुड़े मुद्दों की बजाय ऐसे मुद्दे उठा रही है, जो कोर्ट में विचाराधीन है।
अजय मिश्र टेनी ने पत्रकारों को अपशब्द कहे
अजय मिश्र टेनी आज उस वक्त भड़क गये, जब साजिश और हत्या के संबंध में पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछ लिया। उन्होंने पत्रकारों के लिए अपशब्द का भी इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि एक बेकसूर व्यक्ति को फंसाया गया है। उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को कार से रौंद दिया गया था। इसके बाद हिंसा भड़क उठी थी।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों को गाड़ी से रौंदने के मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम ने जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को लिखित दस्तावेज सौंपकर बताया है कि मामले में आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों को मारने की सुनियोजित साजिश रची थी।
इस पर कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि ये तो होना ही था, जब गृह राज्य मंत्री का बेटा केस में शामिल हो. उन्होंने कहा कि तभी हम केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा का मांग रहे थे. सिंह ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मंत्री का बेटा किसानों को मारने की साजिश में शामिल है. उन्होंने कहा कि अगर थोड़ी भी नैतिकता बची है तो मंत्री इस्तीफा दें। सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं होगा क्योंकि मोदी सरकार 303 सांसद होने के अंहकार में डूबी हुई है।
उधर, आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने लखीमपुर खीरी मामले में एसआईटी की इंक्वायरी रिपोर्ट सामने आने के बाद गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बर्खास्तगी की मांग की है।
किसानों द्वारा दायर FIR में आशीष मिश्रा का नाम है, जिसमें कहा गया है कि किसानों के शांतिपूर्ण मार्च के बीच से आशीष अपनी कार से तेज गति से लोगों को रौंदते निकल गया।
सीजीएम कोर्ट में विवेचक दिवाकर ने विवेचना के दौरान पहले से दर्ज कुछ धाराएं हटाने और मुकदमे में नई धाराएं बढ़ाने की रिमांड मांगी है। विवेचक की ओर से मुख्य आरोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा समेत सभी 13 आरोपियों पर हत्या, बलवा के साथ धारा 307 जानलेवा हमला, 326 गंभीर चोट पहुंचाने और धारा 34 सामान्य आशय शामिल है। इसके अलावा शस्त्र अधिनियम की धारा 3/ 25, 30 भी बढ़ाने का प्रार्थनापत्र दिया है। इसके अलावा हादसे से संबंधित धारा 279, 338 व 304 (ए) को हटाया भी गया है। विवेचक ने माना है कि यह घटना लापरवाही से नहीं, बल्कि साजिशन की गई है। सहायक अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि अदालत ने सभी आरोपियों को मंगलवार को जेल से तलब किया है।
सहायक अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि विवेचना के दौरान आरोपियों के खिलाफ सामान्य आशय से जानलेवा हमला करने, घातक हथियारों से गंभीर चोटें पहुंचाने और लाइसेंसी हथियारों का दुरुपयोग करने का अपराध भी पाया गया है। इसलिए विवेचक ने रिमांड में आरोपियों के खिलाफ इन अपराधों की धाराएं बढ़ाने की अर्जी कोर्ट में दी है। जिस पर सीजेएम ने 14 दिसंबर को सभी आरोपियों को जेल से तलब किया है।