जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल जल योजना के तहत मार्च, 2022 तक देश के 54 प्रतिशत घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। अब तक 45.15 प्रतिशत घरों तक नल का कनेक्शन दिया जा चुका है। अगले वित्त वर्ष 2023 तक कुल 74 प्रतिशत ग्रामीण घरों में पानी की आपूर्ति नलों से होने लगेगी। योजना अपने निर्धारित लक्ष्य के आसपास चल रही है। फिलहाल पांच राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में शत प्रतिशत घरों तक जलापूर्ति नलों से होने लगी है।
यूनिसेफ के कार्यक्रम में जल जीवन मिशन की प्रगति, उपलब्धियों और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं व बच्चों के जीवन में आए बदलाव पर जलशक्ति मंत्रालय के अपर सचिव व मिशन के निदेशक भरत लाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा से 28 महीने के भीतर 5.44 करोड़ घरों तक पानी का कनेक्शन पहुंच गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में ‘कोई घर न छूटे’ के तहत 83 जिलों के कुल 1.28 लाख गांवों के शत प्रतिशत घरों को पानी के नल से जोड़ दिया गया है, जहां चौबीसों घंटे स्वच्छ पानी की आपूर्ति हो रही है। लाल ने कहा कि स्वच्छ जलापूर्ति से ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप जल आंदोलन पूरी तरह जन आंदोलन बन चुका है।
भरत लाल ने बताया कि यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत योजना है, जिसमें केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों के साथ जन सहभागिता शामिल है। गांव में बनने वाले पानी के ओवरहेड टैंक, सप्लाई लाइन, पानी के स्त्रोत, पूरी व्यवस्था के रखरखाव, पानी की गुणवत्ता, पानी का शुल्क व अन्य सभी तरह के बंदोबस्त स्थानीय लोगों के ही हाथ में होते हैं। इसके लिए लोगों में जागरूकता और व्यवस्था चलाने के लिए प्रशिक्षण आदि का इंतजाम भी किया जा रहा है।
15वें वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों को केंद्र से सीधे धनराशि आवंटित की जा रही है। इसके तहत कुल 1.42 लाख करोड़ रुपये का आवंटन वर्ष 2021 से 2025-26 तक के लिए किया गया है। इसका उपयोग पेयजल आपूर्ति और स्वच्छ भारत मिशन के संचालन के लिए किया जाएगा। वर्ष 2019 में ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 19.20 करोड़ घरों में से 3.23 करोड़ घरों यानी 17 प्रतिशत में पानी की आपूर्ति नलों से होती थी। बीते डेढ़-दो साल में कोरोना के चलते जल जीवन मिशन का काम कुछ प्रभावित जरूर रहा, लेकिन अब तक कुल 8.67 करोड़ घरों (45.15 प्रतिशत) में नल से पानी की आपूर्ति होने लगी है। 4.5 लाख गांवों में पानी समिति का गठन कर लिया गया है। पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए अब तक 8.5 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित भी कर दिया गया है। कार्यक्रम में यूनिसेफ के निकोलस आस्बर्ट ने मिशन की प्रगति पर विश्वास जताते हुए कहा कि वर्ष 2024 तक मिशन को हर हाल में पूरा करके देश के ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक घर में नल से जल की आपूर्ति होने लगेगी।