जनजीवन ब्यूरो / भोपाल : मध्यप्रदेश की शिराज सिंह सरकार ने पंचायत चुनाव अधिनियम के तहत पिछले महीने जारी अपने अध्यादेश को रविवार को निरस्त कर दिया एवं संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी के वास्ते राज्यपाल के पास भेजे जाने को मंजूरी दी। राज्यपाल द्वारा इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाने के बाद सरकार मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को सभी वर्गों के इन चुनावों को निरस्तीकरण के लिए निर्देश दी सकती है, जिससे ये चुनाव टल जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश में पंचायती चुनावों की प्रक्रिया चल रही है। पिछले महीने राज्य की भाजपा सरकार कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा 2019 में तय परिसीमन और आरक्षण रोटेशन की प्रक्रिया को रद्द करने के लिए यह अध्यादेश लाई थी। इस अध्यादेश के आधार पर 2014 के परिसीमन और आरक्षण रोटेशन के अनुसार पंचायत चुनाव प्रक्रिया शुरू की गई थी। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्त्मम मिश्रा एवं प्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘आज मंत्रिमंडल ने पंचायत चुनाव अधिनियम के तहत जारी अध्यादेश को निरस्त कर इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजे जाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी है।”
उल्लेखनीय है कि राज्य की त्रि-स्तरीय पंचायत के चुनाव के लिए अगले साल छह जनवरी, 28 जनवरी और 16 फरवरी को मतदान तीन चरणों में होने हैं, लेकिन 17 दिसंबर को सुप्रीमकोर्ट ने मध्य प्रदेश निर्वाचन आयाग को स्थानीय निकाय में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोकने और उन सीटों को सामान्य वर्ग के लिए फिर से अधिसूचित करने का निर्देश दिया।