जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : साल 2022 में पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, पंजाब, त्रिपुरा, गोवा और मणिपुर) में होने वाले विधानसभा के चुनावों से पहले वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और उसके नये वैरिएंट ओमिक्रॉन ने सरकार के साथ-साथ चुनाव आयोग की भी चिंता बढ़ा दी है। चुनावों की तारीखों के ऐलान से पहले चुनाव आयोग पूरी तरह से आश्वस्त हो जाना चाहता है. इसलिए चुनाव आयोग ने 27 दिसंबर 2021 को स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है.
इस बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव राजेश भूषण भी मौजूद रहेंगे. अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में चुनाव आयोग के सदस्य देश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करेंगे. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के फीडबैक के आधार पर ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, त्रिपुरा, गोवा और मणिपुर में चुनाव कराने के बारे में आयोग फैसला लेगा.
वर्ष 2021 की शुरुआत में पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव कराये गये थे. सभी पार्टियों की ओर से हुई रैली में भारी भीड़ उमड़ती थी. आठ चरणों में होने वाले चुनाव का छठा चरण आते-आते कोरोना विस्फोट बंगाल में होने लगा. कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से हुई वृद्धि के लिए चुनाव आयोग की खूब आलोचना हुई.
आलोचना झेलने के बाद चुनाव आयोग को प्रचार अभियान को सीमित करना पड़ा था. रैलियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था. चुनाव आयोग इस बार नहीं चाहता कि बंगाल चुनाव की तरह उसे फिर से आलोचना झेलनी पड़े. ज्ञात हो कि कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. ओमिक्रॉन वैरिएंट का डर अलग से बना हुआ है.