अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली। उत्तराखंड में थराली विधानसभा काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। दोनो ही सीटें सुरक्षित श्रेणी में आती हैं। थराली विधानसभा सीट से साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। हालांकि थराली सीट से भाजपा के मगन लाल सिंह ने जीत दर्ज की थी। लेकिन उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी मुन्नी देवी शाह को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया और मुन्नी देवी विधानसभा पहुंत गईं। इस बार थराली (आरक्षित) विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है।
थराली (आरक्षित) विधानसभा सीट उत्तराखंडके चमोली जिले में आती है। 2017 में थराली (आरक्षित) में कुल 44.05 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से मगन लाल सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के डॉ जीत राम को 4921 वोटों के मार्जिन से हराया था।
वर्तमान विधायक मुन्नी देवी कहती हैं कि उनका काम और प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी व उत्तराखंड की भाजपा सरकार की लोकप्रियता उनकी जीत का रास्ता आसान करेगी। उनका कहना है कि तीन साल सात माह में उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए बेहतर काम किया। क्षेत्र के कॉलेज व स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी थी जिसके कारण छात्रों की पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। उन्होंने राज्य सरकार से विशेष आग्रह कर शिक्षकों की कमी को दूर करवाई। इतना ही नहीं दो कॉलेजों के नए भवन बनवाईं। कई पीएचसी सेंटरों को हॉस्पिटल में तब्दिल करवाईं।
पहले उत्तराखंड के गांवों में बिजली नहीं आती थी लेकिन अब यह बात नहीं है। उनके क्षेत्र के प्रत्येक गांव में बिजली पहुंच गई है। उनका कहना है कि हर घर तक नल का जल भी पहुंच गया है।
इतना ही नहीं मुन्नी देवी का कहना है कि 25 से भी ज्या पुल बनवाई हैं। 15 पुल बनकर तैयार है और 10 पर काम चल रहा है। उत्तराखंड सरकार ने उनके आग्रह पर 26 नए पुल का टेंडर भी निकाल चुकी हैं।
मुन्नी देवी का राजनीतिक अनुभव लंबा नहीं है, लेकिन पति व दिवंगत विधायक मगन लाल शाह का 25 साल का राजनीतिक कॅरियर के चलते वह राजनीति से अच्छी खासी वाकिफ हैं। एक जुलाई, 1971 में जन्मी मुन्नी देवी शादी के बाद सबसे पहले महिला मंगल दल की अध्यक्ष रहीं। मिडिल पास मुन्नी ने वर्ष 2014 में पहली बार जिला पंचायत के सदस्य के लिए कोठली से चुनाव लड़ा और पहले ही चुनाव में बाजी मारी। इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए हाथ आजमाया और निर्वाचित होने में कामयाब रहीं। जिला पंचायत में बेहतर कार्य करने के लिए केंद्र सरकार के पंचायती राज विभाग ने नवंबर 2017 में उन्हें पुरुष्कृत भी किया गया।