लावण्या झा / नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 के लिए कांग्रेस ने लोहरी के दिन जिन 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है उनमें पुनम पांडेय का नाम भी शामिल है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 50 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है। जिसमें उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मां आशा सिंह , पत्रकार निदा अहमद, एक्ट्रेस और एक्टिविस्ट सदफ जफर, समेत अभिनेत्री, समाजसेवी और संघर्षशील महिलाएं शामिल हैं। प्रियंका गांधी ने जैसे ही इन महिला उम्मीदवारों की घोषणा की, सोशल मीडिया पर लोग इनके बारे में जानने की कोशिश करने लगे। इनमें से कई महिला ऐसी भी हैं, जिनका राजनीति और चुनाव लड़ने का कोई इतिहास नहीं है। ऐसी ही कांग्रेस की प्रत्याशी आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय भी हैं।
आइए जानें कौन हैं आशा वर्कर पूनम पांडेय
प्रियंका गांधी ने कहा, ”आशा बहनों ने कोविड के समय अपनी जान की परवाह न करके देश की सेवा की। उनका मानदेय नहीं बढ़ाया तो बहनों ने आवाज उठायी। शाहजहांपुर की आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय को पुलिस ने बुरी तरह पीटा था। वे भी हमारी प्रत्याशी होंगी।”
प्रियंका गांधी ने जख्मी पूनम पांडेय से की थी मुलाकात
प्रियंका गांधी ने 11 नवंबर 2021 को पूनम पांडेय समेत कुछ आशा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। प्रियंका गांधी ने एक घंटे तक लगभग 20 आशा कार्यकर्ताओं से बात की थी और घटना के बारे में जाना था। प्रियंका गांधी ने पीड़ित पूनम पांडेय को उस वक्त इंसाफ दिलाने का आश्वासन देकर उनको हरसंभव मदद का भरोसा दिया था। और अब प्रियंका गांधी ने उसी पूनम पांडेय को शाहजहांपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है।
जानें कौन हैं आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय
आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय अपना मानदेय बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इसी वजह से पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर वह चर्चा में हैं। पूनम पांडेय शाहजहांपुर स्थित नई बस्ती रेती की रहने वाली हैं। पूनम पांडेय एक आशा बहू हैं। हर आशा बहू की तरह पूनम पांडेय ने भी कोरोना काल में अपना योगदान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने आशा बहुओं को करोना योद्धा कहकर संबोधित किया था।
पूनम पांडेय के साथ UP पुलिस ने किया हिंसक व्यवहार
बताया जाता है कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शाहजहांपुर आए और आशा वर्कर ने अपनी मांगपत्र देना चाहा तो यूपी पुलिस ने इनको रोक दिया। कथित तौर पर यूपी पुलिस ने आशा बहुओं को सीएम योगी से मिलने से रोका और उनके साथ हिंसक व्यवहार किया। पुलिस ने आशा वर्कर की पिटाई की, जिसमें सबसे अधिक गंभीर रूप से पूनम पांडेय ही घायल हुई थीं। पूनम को वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पिटा। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
पूनम पांडेय को हिरासत में लेकर दर्ज किया गया था केस
हालांकि पुलिस का कहना है कि पूनम पांडेय समेत सभी आशा कार्यकर्ता रोकने पर नहीं मान रही थी और जबरन सीएम से मिलना चाहती थी। उस दिन पूनम पांडेय समेत लगभग 30 आशा कार्यकर्ता महिलाओं को हिरासत में लिया गया था। और सभी महिलाओं पर धारा 186 और 353 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया था। सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों में साफ दिख रहा था कि पूनम पांडेय को काफी चोटें लगी थीं , उनके हाथ पर प्लास्टर था, चेहरे पर सूजन थी और शरीर पर पिटाई के निशान थे।