जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के दादरी इलाके में गाय का मांस रखने के आरोप में भीड़ ने जिस मोहम्मद अखलाक नाम के शख्स की हत्या कर दी थी अब इस मामले में चौकानें वाली जानकारी सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में गौतम बुद्धनगर प्रशासन ने पहले घर में रखे मांस की पशु डॉक्टर से जांच कराई, इसके बाद इसे मथुरा लैब में जांच के लिए भेजा गया। अखलाक के घर मिले मीट की रिपोर्ट में पाया गया कि उसके घर पर गोमांस नहीं मटन रखा था।
गौरतलब है कि अखलाक के बीफ खाने और घर में बीफ रखने की अफवाह पर भीड़ ने उसके घर पर धावा बोल दिया था, उन लोगों के हमले में अखलाक की मौत हो गई जबकि उसका छोटा बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हो गया।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि 28 सितंबर की रात पुलिस ने अखलाक के घर से मीट कै सैंपल लिए थे। फिर उसे प्राथमिक जांच के लिए भेज दिया था। उस जांच में पता चला कि वह मटन है लेकिन पुलिस ने उस मीट के कुछ सैंपल को मथुरा के एक लैब में भी जांच के लिए भेजा। उनकी जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई कि वह मटन है।
एमआईएम नेता असदुद्दीन औवैसी जब अखलाक के घर आए थे तो उन्होंने यूपी सरकार को इस बात के लिए लताड़ा था कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाए फोरेंसिक जांच पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।
यूपी सरकार में एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस कार्रवाई का बचाव किया। उन्होंने कहा कि अगर मीट को जांच के लिए नहीं भेजा जाता तो विपक्षी दल कहते कि यूपी सरकार तथ्यों को छिपा रही है। यहां तक कि एफआईआर में बीफ का जिक्र नहीं है। अफवाहों को खत्म करने के लिए मीट को जांच के लिए भेजा गया।