अमित आनंद / देहरादून । उत्तराखंड में भाजपा ने 59 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान तो कर दिया लेकिन 11 सीटों पर टिकट का फाइनल करना सबसे मुश्किल लग रहा है। भाजपा के सामने सबसे बड़ी मुश्किल डोईवाला, कोटद्वार सीट पर प्रबल दावेदार नहीं होना माना जा रहा है। इसके साथ ही 4 सिटिंग विधायकों के टिकट काटना भी भाजपा के लिए नई बगावत को बुलावा देना माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा इस टिकटों को लेकर सभी समीकरणों पर काम कर रही है। उम्मीद लगाई जा रही है कि भाजपा 26 जनवरी तक सभी टिकटों को फाइनल कर सकती है।
डोईवाला, कोटद्वार पर नए चेहरे की तलाश
उत्तराखंड में 21 जनवरी से नामांकन की प्रक्रिया चल रही है, जो कि 28 जनवरी तक जारी रहेगी। ऐसे में भाजपा, कांग्रेस के लिए समय पर टिकटों का फाइनल करना सबसे बड़ी चुनौती है। कांग्रेस को अब 6 सीटों पर ही प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगानी है। जबकि भाजपा के सामने अब भी 11 सीटों पर प्रत्याशियों का नाम तय करना मुश्किल हो रहा है। भाजपा सबसे ज्यादा फोकस डोईवाला और कोटद्वार सीट पर कर रही है। डोईवाला में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चुनाव न लड़ने के ऐलान के बाद अब भाजपा को नया चेहरा नहीं मिल रहा है। इस सीट पर पहले दिवंगत जनरल बिपिन रावत के छोटे भाई रिटायर कर्नल विजय रावत का नाम लिया जा रहा था। लेकिन भाजपा सूत्रों का दावा है कि विजय रावत अभी चुनाव लड़ने को लेकर तैयार नहीं है। इसके बाद भाजपा के सीनियर नेताओं के दिवंगत जनरल बिपिन रावत की बेटियों से संपर्क करने की खबरें भी सामने आ चुकी हैं। हालांकि भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूडी की बेटी भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण का नाम भी अचानक से मीडिया में तेजी से उठने लगा है। ऐसे में भाजपा के सामने डोईवाला सीट पर प्रत्याशी का चयन करना सबसे बड़ी मुश्किल बताई जा रही है। ऐसे ही हालात भाजपा के लिए कोटद्वार सीट पर है। यहां हरक सिंह रावत के मैदान छोड़ने से भाजपा को कोई भी प्रबल चेहरा नहीं मिल रहा है। इस सीट पर भी भाजपा डोईवाला के विकल्पों को तलाशने में लगी है। अगर डोईवाला के दावेदारों में से कोई कोटद्वार के लिए फिट बैठता है तो भाजपा कोटद्वार भी भेज सकती है।
भाजपा, कांग्रेस दोनों टिहरी में फंसे
टिहरी सीट भाजपा और कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी टेंशन का कारण बनी हुई है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के चुनाव को लेकर निर्णय न ले पाने के कारण दोनों ही दल टिकट का फाइनल नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि इस सीट पर भाजपा के सिटिंग विधायक धन सिंह नेगी का कब्जा है। लेकिन वे पार्टी के सर्वे रिपोर्ट में बेहतर स्थिति में नहीं पाए गए हैं। जिसके कारण भाजपा वहां दूसरा विकल्प तलाश रही है। सिटिंग विधायकों में झबरेड़ा सीट पर विधायक देशराज कर्णवाल अपनी पत्नी वैजयंती माला को टिकट देने की हाईकमान से मांग कर रहे हैं। रुद्रपुर सीट पर 2 बार के और सिटिंग विधायक राजकुमार ठुकराल के टिकट कटने और नए चेहरे को लेकर चर्चा तेज है। लालकुआं सीट पर विधायक नवीन चंद दुम्का बुजुर्ग होने के चलते दूसरे प्रत्याशी की तलाश हो रही है। कांग्रेस दबदबे वाली सीटों पिरान कलियर पर कांग्रेस के फुरकान अहमद, हल्द्वानी सीट पर कांग्रेस की स्व. इंदिरा हृदयेश के पुत्र सुमित ह्रदयेश, रानीखेत पर कांग्रेस के करन माहरा, जागेश्वर सीट पर कांग्रेस के गोविंद सिंह कुंजवाल के सामने भाजपा विकल्प तलाश रही है। जो कि भाजपा के लिए आसान नहीं लग रहा है।