जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । विधानसभा चुनाव के दिन करीब आते ही पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। कांग्रेस ने जब पहली प्रत्याशियों की सूची जारी की थी तो पार्टी के नेताओं ने बग़ावती सुर तेज़ किया तो उन्हें दूसरी सूची का हवाला देकर शांत करवा दिया गया था। फिर दूसरी सूची में भी नाम नहीं आने पर कई प्रत्याशियों ने पार्टी का दामन छोड़ दिया तो कई उम्मीदवारों ने निर्दलीय ही चुनावी ताल ठोक दी। वहीं अब कांग्रेस की महिला मोर्चा ने ही पार्टी के खिलाफ़ झंडा बुलंद कर दिया है। पंजाब महिला कांग्रेस अध्यक्ष बलवीर रानी सोढी ने प्रेदश मं किसी महिला को प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने पर नाराज़गी ज़ाहिर की है। पंजाब कांग्रेस की महिला मोर्चा में बग़ावत के बाद पार्टी के लिए महिला मतदाताओं को साधना आसान नहीं होगा।
महिला मोर्चा ने बढ़ाई पार्टी की मुश्किलें
पंजाब महिला कांग्रेस अध्यक्ष बलवीर रानी सोढ़ी ने अपने ही पार्टी ख़िलाफ़ बग़ावती तेवर अपना लिए हैं। इस सिलसिले में उन्होंने महिला कांग्रेस की बैठक अपने अर्बन एस्टेट स्थित आवास पर बुलाई। प्रदेश की अलग-अलग शहरों से महिला कांग्रेस नेत्रियां मौजूद रहीं। बैठक के दौरान उन्होंने महिला नेत्रियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस का नारा ‘लड़की हूं-लड़ सकती हूं’ को दरकिनार किया गया है। उन्होंने कहा कि धी पंजाब अपना हक लैना जानदी सार्थक नहीं हुआ है। 12 महिला नेत्रियों ने कांग्रेस की टिकट के लिए आवेदन किया लेकिन किसी को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। बलवीर राना सोढी ने कहा कि पार्टी के लिए सभी महिलाओं ने कड़ी मेहनत की लेकिन कांग्रेस ने महिलाओं को नज़र अंदाज़ किया है।
‘महिला हर मामले में बेहतर कर सकती हैं’
बलवीर राना सोढ़ी ने कहा कि पार्टी को अपनी महिला नेत्रियों पर भरोसा नहीं है, कांग्रेस आलाकमान महिलाओं को मौक़ा देगी तो पता चलेगा की महिला हर मामले में बेहतर कर सकती हैं। राना सोढ़ी ने कहा कि महिलाओं को पार्टी से टिकट नहीं देने की वजह से काफ़ी नाराज़गी है। पंजाब महिला कांग्रेस की नेत्रियों की बैठक के बाद यह फ़ैसला लिया गया कि कोई भी नेत्री अपने पदों से इस्तीफा नहीं देंगी। उन्होंने कहा कि अभी आठ सीटों पर घोषणा नहीं हुई है। अगर महिलाओं को टिकट नहीं दी गई तो आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। रानी सोढी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी कोई दलीलें नहीं सुनीं। सीएम चन्नी, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू और पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश चौधरी ने मेरी बात नहीं सुनी इसके बाद मैंने अपने पद से इस्तीफा देने की सोची थी। लेकिन अब लड़ाई लड़ूंगी।
महिला मतदाताओं को साधना मुश्किल
सियासी जानकारों की मानें तो महिला कांग्रेस के पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने से पंजाब में महिला मतदाताओं को साधना पार्टी के लिए मुश्किल होगा। क्योंकि सभी सियासी दलों की निगाहे महिला मतदाताओं पर टिकी हैं। यही वजह है कि ज्यादातर सियासी दलों ने महिलाओं को साधने के चुनावी वादे किए हैं। किसी भी पार्टी के लिए उनके कार्यकर्ता ही हथियार होते हैं, उन्हीं के ज़रिए पार्टी घर-घर तक अपनी पकड़ बनाती है। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की महिला मोर्चा ने पार्टी के खिलाफ़ बग़ावती सुर एख्तियार कर लिया है। ऐसे में कांग्रेस महिला मतदाताओं को साधने में कामयाब नहीं हो पाएगी। क्योंकि महिला नेत्रियों को टिकट नहीं मिलने से वह और उनके समर्थक पार्टी के खिलाफ़ हो चुके हैं।