आलोक रंजन / चंडीगढ़ । पंजाब विधानसभा चुनाव में चमकौर साहिब हॉट सीट माना जा रहा है। क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। चमकौर साहिब को शहीदों की धरती भी कहा जाता है। रुपनगर जिले में चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र पड़ता है। चमकौर के प्रथम और द्वितीय युद्ध जो गुरु गोविंद सिंह और मुगल साम्राज्य के बीच लड़ा गया था के लिए प्रसिद्ध है। यहां की चुनावी इतिहास की बात की जाए तो इस सीट पर कांग्रेस और शिरमोणि अकाली दल का कब्जा रहा है। पिछले तीन बार के विधानसभा चुनाव में चरणजीत सिंह चन्नी यहां से जीत दर्ज कर रहे हैं।
2007 में चन्नी ने कांग्रेस से मांगी थी टिकट
चमकौर साहिब विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस ने एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं आम आदमी पार्टी डॉ. चरणजीत सिंह को यहां से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। शिरोमणि अकाली दल चमकौर साहिब से हरमोहन संधू को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने चमकौर साहिब से दर्शन सिंह शिवजोत को उम्मीवदार घोषित किया है। आपको बता दें कि साल 2007 चरणजीत सिंह चन्नी ने पहली बार चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल की। जीतने के बाद उन्होंने शिरोमणि अकाली दल का दामन थाम लिया लेकिन कुछ दिनों बाद ही उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली।
चमकौर साहिब सियासी इतिहास
चरणजीत सिंह चन्नी ने 2012 के विधानसभा चुनाव में भी चमकौर साहिब से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे। उसके बाद फिर उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से जीत दर्ज की। हालांकि आम आदमी पार्टी ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां त्रिकोणीय मुकाबला बनाया था। आम आदमी उम्मीदवार ने पिछले चुनावों में कड़ी टक्कर दी लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। उस वक्त आम आदमी पार्टी उम्मीदवार दूसरे नंबर रहे थे वहीं शिरोमणि अकाली दल उम्मीदवार को तीसरे स्थान पर रहे थे। 2017 से पहले इस सीट पर कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के बीच दिलचस्प मुक़ाबला देखने को मिलता था। 1985 और 1992 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों ने यहां से जीत दर्ज की थी। वहीं 1997 और 2002 के विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल का कब्जा रहा था।
पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री
पंजाब कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के बाद 20 सितंबर 2021 को पंजाब के 27वें मुख्यमंत्री बने। इसके साथ ही वह पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री भी बने। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही वह लगातार अपने फैसलों से पंजाब की जनता के दिलों में घर करते चले गए। उन्होंने अपने 111 दिनों के कार्यकाल में खुद की बतौर मुख्यमंत्री कामयाब नेता की छवी बनाई। पंजाब के सियासी जानकारों की मानें तो जिस तरह से चरणजीत सिंह चन्नी ने एतिहासिक फ़ैसले लिए हैं उस्से उनकी जनता में पकड़ काफ़ी अच्छी हो चुकी है। चमकौर साहिब से वह लगातार तीन बार जीत चुके हैं। इस बार उनका काम पूरे प्रदेश में चर्चा में हैं, इसलिए उन्हें चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से हराना मुमकिन नहीं है।