लावण्या झा / लखनऊ । तीन दशकों से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर कांग्रेस राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव की लड़ाई जीतने के लिए अपने पुराने जाति समुदाय के फार्मूले पर ही दांव लगा रही है। यूपी में पार्टी की चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने संकेत दिया है कि पार्टी सत्तारूढ़ बीजेपी से सत्ता हथियाने के लिए ब्राह्मण-दलित-मुस्लिम संयोजन पर निर्भर होगी। कांग्रेस ने अब तक राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से 255 पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है इनमें से 56 टिकट दलित समुदाय जबकि 89 दो अन्य समुदाय को दिए गए हैं।
हालांकि कांग्रेस और प्रियंका गांधी वाड्रा दोनों का दावा है कि उम्मीदवारों का चयन महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने के लिए किया गया है। हालांकि युवाओं को और व्यवस्था के खिलाफ लड़ने वालों को वरीयता दी गई है। मसलन उन्नाव रेप पीड़िता की मां को कांग्रेस का टिकट दिया गया है। अभिनेता-कार्यकर्ता सदफ जफर, जिन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, उन्हें लखनऊ सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया है।
20 प्रतिशत टिकट मुस्लिम समाज को दिए
उम्मीदवारों की सूची के विश्लेषण से पता चला है कि पार्टी ने जाति के आधार पर भी टिकट बांटे हैं। दलित समुदाय के 56 उम्मीदवारों में से 26 जाटव, 13 पासी हैं। ये भी ध्यान में रखना चाहिए कि 20 प्रतिशत उम्मीदवार मुस्लिम हैं और 16 प्रतिशत ब्राह्मण समुदाय से हैं।
40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट
कांग्रेस के एक वरिष्ट नेता ने बताया कि पार्टी ने हर जाति और समुदाय के उम्मीदवारों को मैदार में उतारा है। हमने चुनाव से पहले किए गए वादे को पूरा करते हुए 40 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। हालांकि ब्राह्मण-दलित-मुस्लिम संयोजन ने पार्टी को पहले कांग्रेस को पहले अच्छे परिणाम दिलाए हैं।
वहीं इससे पहले कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को 89 उम्मीदवारों की अपनी तीसरी सूची जारी की जिसमें 37 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। पार्टी की ओर से जारी उम्मीदवारों की तीसरी सूची में भी पहली और दूसरी सूची की तरह महिलाओं की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अब तक कुल 255 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, जिसमें कुल 103 महिलाओं को टिकट दिया गया है।