जनजीवन ब्यूरो / चंडीगढ़ । पंजाब के चुनावी समर में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और शिउद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया आमने-सामने हैं, दोनों के बीच ज़ुबानी जंग जारी है। अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट पर सिद्धू और मजीठिया के बीच दिलचस्प मुक़ाबला देखने को मिल सकता है। पहले बिक्रम सिंह मजीठिया की मजीठा विधानसभा सीट और अमृतसर पूर्व सीट से चुनावी ताल ठोकने की खबर आ रही थी लेकिन अब बिक्रम मजीठिया सिर्फ़ अमृतसर ईस्ट से ही चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल नामांकन भरने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि अगर बिक्रम सिंह मजीठिया को जनता पर भरोसा है तो वह सिर्फ़ एक सीट अमृतसर ईस्ट से चुनावी रण में उतर कर दिखाएं।
बिक्रम सिंह मजीठिया ने दिया जवाब
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की बात पर पलटवार करते हुए बिक्रम सिंह मजीठिया ने अमृतसर ईस्ट से ही चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने मीडिया से मुख़ातिब होते हुए कहा कि अगर नामांकन के लिए अभी 2 दिन बाकी हैं। नवजोत सिंह सिद्धू चाहते हैं कि मैं सिर्फ़ अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ूं तो उनकी यह भी ख्वाहिश पूरी कर देंगे। पहले बिक्रम सिंह मजीठिया का अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ने का कोई ईरादा नहीं था लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू को घेरने के मकसद से शिअद अध्यक्ष खबीर सिंह बादल ने मजीठिया को अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़वाने की अचानक घोषणा कर दी। इसके बाद से ही अमृतसर ईस्ट विधानसभा चुनवा हॉट सीट में शुमार हो चुकी है।
10 सालों से सिद्धू परिवार का क़ब्ज़ा
अमृतसर ईस्ट विधानसभा क्षेत्र से कई दिग्गज चेहरे चुनावी मैदान में हैं, 10 सालों से सिद्धू परिवार का क़ब्ज़ा होने के बावजूद इस बार पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की राह आसान नज़र नहीं आ रही है। इस विधानसभा सीट पर धर्म और जाति का कोइ ख़ास समीकरण नहीं है क्योंकि यहा सभी समुदाय के मतदाता बसते हैं। भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू यहां से 2012 में विधानसभा चुनाव जीतीं थीं। उस वक्त उन्हों 33 हज़ार 406 वोट मिले थे, वहीं आजाद उम्मीदवार सिमरप्रीत कौर भाटिया को 26 हज़ार 307 वोट मिले थे। आपको बता दें की सिमरप्रीत कौर भाटिया ने कांग्रेस से बग़ावत कर निर्दलीय पर्चा दाखिल की थीं। बाद में नवजोत सिद्धू ने ही उन्हें (सिमरप्रीत कौर भाटिया) और उनके परिवार को भाजपा की सदस्यता दिलाई थी।
मजीठिया और सिद्धू में ज़बरदस्त मुक़ाबला
नवजोत सिंह सिद्धू ने जब भाजपा को अलविदा कहा तो उनके साथी भाटिया परिवार ने भी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। साल 2017 में पंजाब में शिअद-भाजपा गठबंधन विरोधी लहर थी जिस वजह से नवजोत सिंह सिद्धू 40 हजार से भी ज़्यादा वोटों से जीते थे लेकिन इस बार सियासी समीकरण कई मायने में बदले हुए नज़र आ रहे हैं। शिअद-भाजपा गठबंधन के वक़्त अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में ही रहती थी। ग़ौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल काफ़ी वक्त से यहा सिद्धू के खिलाफ़ माहौल बनाने की वजह से सक्रिय है। अब शिरोमणि अकाली दल के दिग्गज नेता बिक्रम सिंह मजीठिया यहां से चुनावी रण में हैं। शिअद को यहां चुनाव प्रचार-प्रसार में भी ज़्यादा परेशानी नहीं होगी। बिक्रम मजीठिया यहां से सिद्धू को ज़बरदस्त टक्कर दे सकते हैं।