आलोक रंजन / चंडीगढ़ । पंजाब के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को दो सीटों से चुनाव लड़ाने का दांव खेलकर बड़ी सियासी चाल चली है। दरअसल, इससे कांग्रेस ने राज्यल के मालवा क्षेत्र में मजबूूत आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है। वैसे चन्नी के दो सीटों से चुनाव मैदान में उतरने को लेकर कांग्रे सऔर विरोधी दलों में बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेताओं का कहना है मुख्यमंत्री मालवा में आम आदमी पार्टी के गढ़ में चुनौती देने के लिए भदौड़ गए हैं। वहीं, विरोधियों ने कहा है कि वह हार के डर से भदौड़ भाग गए।
पहले सीएम चन्नी की दो सीटों पर चुनाव लड़ने की चर्चा तेज़ थी। लेकिन सहमति नहीं बनने की वजह से उन्हें चमकौर साहिब विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया था। लेकिन कांग्रेस की तीसरी सूची में भदौर विधानसभा सीट से चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। चरणजीत सिंह चन्नी का नाम सूची में शामिल होने के बाद यह चर्चा तेज़ हो गई की आखिर क्यों कांग्रेस ने चन्नी को दो सीटों पर उम्मीदवार घोषित किया है?
चन्नी को जलालाबाद से लड़ाने का था दबाव, फिर आप के गढ़ में चुनौती देने के लिए भदौड़ गए चन्नी
दूसरी ओर, यह बात भी सामने आई है कि कांग्रेस में सीएम चन्नीौ को जलालाबाद से चुनाव लड़ाने का दबाव था, लेकिन पार्टी ने उनको आप (AAP) के गढ़ से उतारने का फैसला किया। कांग्रेस में यह मांग उठ रही थी कि चन्नी को शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के सामने उसी तरह मैदान में उतारना चाहिए, जिस प्रकार शिअद ने बिक्रम सिंह मजीठिया को नवजोत सिद्धू को उतारा है। जलालाबाद में 56 प्रतिशत राय सिख बिरादरी है। इस लिए यह मांग उठ रही थी कि चन्नी को सुखबीर बादल के सामने उतारकर शिअद की रणनीति को झटका दिया जाए, लेकिन पार्टी ने चन्नी को बरनाला के भदौड़ से टिकट दिया।
चमकौर साहिब से हैट्रिक लगा चुके हैं चन्नी
कांग्रेस के नेताओं में टिकट बंटवारे को लेकर पहले ही काफ़ी नारज़गी देखने को मिल रही है कि उन्हें उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। वहीं कांग्रेस की महिला मोर्चा ने भी टिकट नहीं मिलने की वजह से पार्टी के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। इन सबके बावजूद चरणजीत सिंह चन्नी को दो विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया है। आफको बता दें कि चमकौर साहिब से चरणजीत सिंह चन्नी लगातार तीन बार से विधायक हैं। इसके बाद भदौर सीट से भी उन्हें उम्मीदवार घोषित किए जाने से चर्चाओं का बाजार गर्म है। चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र दलित वोटरों का आधिपत्य है। 31 फीसदी दलित वोटर मालवा रीजन से ताल्लुक रखते हैं और चमकौर साहिब विधानसभा क्षेक्र इसी का हिस्सा है। यहां से चरणजीत सिंह चन्नी लगातार तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं।
मालवा से ताल्लुक रखते हैं चन्नी
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी रविदासिया उपजाति से आते हैं और वह मालवा से ही ताल्लुक रखते हैं। तीन बार के विधानसभा चुनावों में अच्छे खासे वोटों से चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब से जीत रहे हैं। बतौर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने 111 दिनों के कार्यकाल में खुद की छवि कामयाब नेता के तौर पर बनाई है। ऐसे में उन्हें कांग्रेस की तरफ़ से दो सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने से पंजाब की सियासी सरगर्मियां बढ़ गईं हैं। इन सब मुद्दों पर सियासी जानकारों की मानें तो कोई भी पार्टी दो सीटों पर उसी उम्मीदवार को उतारती है जिसे लेकर पार्टी कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं हो। आमतौर पर यह देखा जाता है कि सियासी पार्टियां अपने दिग्गज नेताओं को ही दो सीटों पर चुनावी मैदान में उतारती है। अगर एक सीट पर हार भी मिले तो दूसरी सीट से वह जीत जाएं।
अरविंद केजरीवाल ने ली चुटकी
चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस इसलिए ही दो सीटों पर उतारी है ताकि वह किसी भी सीट से जीत दर्ज कर लें। क्योंकि उनके हारने से पार्टी को नुकसान हो सकता है। वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि चन्नी कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार भी हैं जल्द इसकी घोषणा भी होगी। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान चाहती है कि चरणजीत सिंह चन्नी किसी भी हाल में जीत दर्ज करें। यह चन्नी के लिए अच्छे संकेत हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चन्नी के दो सीटों पर चुनाव लड़ने के मामले में चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि चन्नी जी चमकौर साहिब से हार रहे हैं। कांग्रेस उन्हें दो सीटों से चुनाव लड़ा रही है। इसका मतलब सर्वे सच है।