प्रीति झा / देहरादून । पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में टोपी को लेकर राजनीति तेज है। युपी में लाल टोपी खतरे का निशान तो टोपी खून से सने होने का आरोप प्रत्य्रोप चल रहा है। लेकिन उत्तराखंड में प्रधानमंत्री के उत्तराखंडी टोपी पहनकर गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में प्रतिभाग करना और इसके बाद रुद्रप्रयाग में गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड टोपी पहनकर वोट मांगने पर सियासत तेज है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इसे उत्तराखंडियत से जोड़ रहे हैं। हरीश रावत ने इसे अपने उत्तराखंडियत के नारे का असर बताया है। इससे पहले अमित शाह हरीश रावत पर निशाना भी साध चुके हैं। जिसको लेकर भी हरीश रावत ने तंज कसा है।
उत्तराखंड टोपी में नजर आए मोदी और शाह
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा हर समीकरण को साधने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तराखंडी टोपी पहनने को चुनावी रंग दिया जा रहा है। भाजपा भी इसे मोदी का उत्तराखंड प्रेम करार दे रही है। भाजपा के चुनाव प्रचार-प्रसार में हर जगह मोदी की उत्तराखंडी टोपी पहने हुए फोटो का इस्तेमाल किया जा रहा है। इतना ही नहीं गृह मंत्री अमित शाह रुद्रप्रयाग में चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान उत्तराखंडी टोपी पहने हुए नजर आए। जिसके बाद उत्तराखंड टोपी के जरिए चुनावी समीकरणों को साधने की कोशिश में सियासी दल जुटे हुए हैं। गृह मंत्री के उत्तराखंडी टोपी पहनकर चुनाव प्रचार-प्रसार करने के बाद कांग्रेस ने भी इसे अपने प्रचार का असर बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह को थैंक्यू कहा है। हरीश रावत ने कहा कि मेरे उत्तराखंडियत के लिए वो और मोदी उत्तराखंडी टोपी पहनकर ब्रांडिंग कर रहे हैं तो धन्यवाद तो बनता है। उन्होंने कहा कि 5 साल अपनी सरकार द्वारा उत्तराखंड और उत्तराखंडियत को मारकर यदि चुनाव में भी उनको उत्तराखंडियत की याद आई है तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि वो प्रायश्चित कर रहे हैं। हरीश रावत ने अमित शाह पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि अमित शाह जब पहली बार चुनाव अभियान का श्री गणेश करने आये तब उन्होंने 13 बार अपने भाषणों में मेरी आलोचना की और इस बार जब दूसरे चरण के शुरुआत के लिए आये तब भी 8 बार मेरा नाम लिया।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया में पोस्ट के जरिए कहा कि
यूं कभी विरोध की भी सराहना करनी चाहिये। यूं तो अमित शाह उच्च पदस्त व्यक्ति हैं, मगर हमारे सैद्धांतिक विरोधी भी हैं। मैं उनका गंभीर आलोचक हूं, मगर अब मेरे उत्तराखंडियत के लिए वो और मोदी उत्तराखंडी टोपी पहनकर ब्रांडिंग कर रहे हैं तो धन्यवाद तो बनता है न! 5 साल अपनी सरकार द्वारा उत्तराखंड और उत्तराखंडियत को मारकर यदि चुनाव में भी उनको उत्तराखंडियत की याद आई है तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि वो प्रायश्चित कर रहे हैं और अमित शाह को इसलिये भी धन्यवाद बनता है कि जब पहली बार चुनाव अभियान का श्री गणेश करने आये तब उन्होंने 13 बार अपने भाषणों में मेरी आलोचना कर मेरा नाम लिया और जब दूसरे चरण के शुरुआत के लिए आये तब भी 8 बार मेरा नाम लिया। थैंक्यू अमित शाह फील्ड में मुकाबला करेंगे।