जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान पर्यटन मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्न परियोजनाओं के लिए निधि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022-23 में 2400.00 करोड़ रुपये का आवंटन निर्धारित किया है। यह आवंटन वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट आवंटन से 18.42 प्रतिशत अधिक है। 2013-14 के बजट में पर्यटन क्षेत्र के लिए निधि का आवंटन केवल 1357.30 करोड़ रुपये था। चालू वित्तीय वर्ष का आवंटन 2013-14 के आवंटन से 76.82 प्रतिशत अधिक है।
बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत का बजट’ के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभारी हूं। भारत आजादी का अमृत महोत्सव के साथ आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है। हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं और यह बजट भारत के 100 साल का खाका पेश करता है। विकास एवं विरासत साथ-साथ चलते हैं और यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि पर्यटन और संस्कृति मंत्रालयों के लिए इस वर्ष का बजटीय आवंटन काफी अधिक रहा है।
रेड्डी ने आगे कहा कि 2022-2023 के लिए पर्यटन मंत्रालय में बजटीय आवंटन 2400.00 करोड़ रुपये है जो वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट आवंटन से 18.42 प्रतिशत अधिक है और 2013-14 के आवंटन से 76.82 प्रतिशत ज्यादा है।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए संस्कृति मंत्रालय का वार्षिक बजट परिव्यय संशोधित बजट योजना 2021-2022 के लिए स्वीकृत संशोधित परिव्यय (2665.00 करोड़ रुपये) के मुकाबले 3009.05 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस परिव्यय में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 2 संलग्न कार्यालयों, 6 अधीनस्थ कार्यालयों, 34 केंद्रीय स्वायत्त निकायों और मंत्रालय की योजनाओं के प्रावधान शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में वार्षिक परिव्यय वित्त वर्ष 2021-22 में संशोधित वार्षिक परिव्यय से 13 प्रतिशत अधिक है।
बजट के बारे में केंद्रीय मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “मैं ‘आत्मनिर्भर भारत का बजट’ के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभारी हूं। वर्तमान में भारत आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं तथा यह बजट 100 वर्ष में भारत के लिए एक खाका प्रस्तुत करता है। विकास (डेवलपमेंट) और विरासत (हेरिटेज) साथ-साथ चलते हैं और यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि पर्यटन और संस्कृति मंत्रालयों के लिए इस वर्ष का बजटीय आवंटन काफी अधिक रहा है।”
वित्त वर्ष 2022-23 में, वार्षिक बजट के लिए कुल परिव्यय में से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण-(एएसआई) को 1080.34 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई राशि आवंटित की गई है। मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 532.55 करोड़ रुपये की राशि का (9 प्रतिशत) आवंटन किया गया है जिसमें कला संस्कृति विकास योजना, संग्रहालय का विकास, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, शताब्दी एवं वर्षगांठ समारोह योजना और पुस्तकालयों व अभिलेखागार का विकास शामिल है। वडनगर में संग्रहालय के विकास के लिए संग्रहालय विकास योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये के आवंटन का विशेष प्रावधान किया गया है। 5 वर्षों (2021-26) की अवधि में कला संस्कृति विकास योजना में बजटीय परिव्यय को बढ़ाकर 994.32 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। पुराने कलाकारों की पेंशन को 4,000 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 6,000 रुपए प्रति माह करने का प्रस्ताव किया गया है। गुरु शिष्य परम्परा को बढ़ावा देने के लिए, गुरु को कोष अनुदान योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता 10,000 रुपए प्रति माह से 15000 रुपए प्रति माह, शिष्य के लिए 6,000 रुपए प्रति माह से 10,000 रुपए प्रति माह (आयु 18 वर्ष से अधिक), 4500 रुपए प्रति माह से 7,500 रुपए प्रति माह (उम्र 12-18 वर्ष), 2,000 रुपए प्रति माह से 3,500 रुपए प्रति माह (आयु 6 से 12 वर्ष) बढ़ाने का प्रस्ताव है।
संस्कृति मंत्रालय भारत की आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर “आजादी का अमृत महोत्सव” के आयोजन के लिए नोडल एजेंसी होने के नाते, मंत्रालय की शताब्दी और वर्षगांठ समारोह योजना के अंतर्गत 110 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। “आज़ादी का अमृत महोत्सव” की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को साबरमती, गुजरात में शुरू हुई। इसके साथ ही हमारे देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती शुरू हो गई जो 15 अगस्त, 2023 को एक वर्ष के बाद समाप्त होगी। आजादी का अमृत महोत्सव के 270 दिनों में 150 से अधिक देशों, 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में 13,000 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रति दिन लगभग 50 कार्यक्रम, प्रति घंटे 2 कार्यक्रम और हर 30 मिनट में 1 कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। शताब्दी और वर्षगांठ योजना के लिए 22-23 वर्ष के लिए परिव्यय को 380 करोड़ रुपये के साथ 5 साल की अवधि में 980 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (53.25 करोड़ रुपये), आदिवासी उप योजना (22.90 करोड़ रुपये) और अनुसूचित जाति उप योजना (44.20 करोड़ रुपये) के अंतर्गत 120.35 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मंत्रालय ने केंद्रीय स्वायत्त निकायों के लिए पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के लिए संशोधित परिव्यय में 901.21 करोड़ रुपए की तुलना में 1023.33 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जिसमें पूरे भारत में अकादमी, संग्रहालय, पुस्तकालय और अन्य सांस्कृतिक संस्थान शामिल हैं। मंत्रालय ने लुंबिनी, नेपाल में बौद्ध मठ स्थापित करने के लिए आईबीसी को 106 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है।
पर्यटन मंत्रालय के लिए वर्ष 2022-2023 के लिए बजटीय आवंटन 2400.00 करोड़ रुपये है और वर्ष 2021-22 के बजट आवंटन से 18.42 प्रतिशत अधिक तथा 2013-14 के आवंटन से 76.82 प्रतिशत अधिक है।