आलोक रंजन / लुधियाना । पंजाब में कांग्रेस के सीएम फेस की संभावित घोषणा से पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर हाईकमान को परोक्ष रूप से चेताया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में यदि मुख्यमंत्री थोपा गया तो लोग मौजूद विकल्प (आप) को अपना लेंगे। किसी का नाम न लेते हुए सिद्धू ने कहा कि पंजाब में 25 साल ऐसे मुख्यमंत्री रहे, जो दूसरों के इशारों पर काम करते रहे हैं। ऐसे लोग कैसे चाहेंगे कि पंजाब में सिस्टम बने और 170 सेवाएं लोगों को घर बैठे मिले। इन लोगों की माफिया से मिलीभगत है। पंजाब में पिछले 25 वर्षों में दस साल कांग्रेस की सरकार रही है।
बता दें कि इस बार पंजाब विधानसभा चुनाव में सीएम फेस को लेकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच खींचतान जारी है। पिछले दिनों जालंधर रैली में राहुल गांधी ने इसके लिए सर्वे की घोषणा की थी। अब 6 फरवरी की लुधियाना रैली में वह पंजाब कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा पंजाब माडल राहुल गांधी का विजन है। जो कहती है सरकार आपके द्वार। यह सुविधाएं तभी आपको घर बैठे मिलेंगी, जब आप सिस्टम को बदलेंगे। अगर चोरों को ही दोबारा स्थापित कर दिया गया, फिर लोगों के पास दूसरा विकल्प है।
मजीठिया पंजाब का सबसे बड़ा माफिया
पंजाब कांग्रेस प्रधान और विधानसभा क्षेत्र पूर्वी से कांग्रेस प्रत्याशी नवजोत सिंह सिद्धू हलके में चुनाव प्रचार के लिए निकले तो उन्होंने पहले मनी लांड्रिंग केस में भांजे भूपेंद्र सिंह उर्फ हनी की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि भांजे से मिले पैसे सीएम चन्नी के नहीं हैं। यह चार साल पुराना पर्चा था, क्या कैप्टन पहले सोए रहे। जो लोग पंजाब के सबसे बड़े माफिया हैं, वे इस कार्रवाई पर सवाल उठाएं, यह समझ से परे है। पंजाब का सबसे बड़ा माफिया मजीठिया है। कौन सा ऐसा काम है, जो इन्होंने नहीं किया। पंजाब के लोगों के सामने यह गलतफहमी है कि यह माफिया चलाने वाले कोई बदलाव ला सकते हैं। पंजाब में कोई बदलाव ना आ जाए, इसलिए यह सभी चोर इकट्ठे हो गए हैं। वे उन लोगों के खिलाफ यह लड़ रहे हैं जो सिस्टम बदलने का जज्बा रखते हैं।
सिद्धू ने कहा कि उनकी हाईकमान बहुत सूजवान है। पार्टी ने देश को आजादी दिलवाई है। मैं इस माफिया का हिस्सा 17 साल नहीं रहा। बाहर खड़े होकर इस माफिया के साथ लड़ता रहा। अब या तो माफिया रहेगा या पंजाब लोगों के रहने के लायक नहीं रहेगा। हमारे समक्ष असली चुनौती मार्च के बाद है। वित्तीय हालातों से हमको लड़ना पड़ेगा। यह तभी होगा जब माफिया का पैसा उनकी जेब से निकालकर सरकारी खजाने में आएगा।