जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : देश की केंद्र सरकार सोशल मीडिया पर लगाम लगाने की तैयारी में हैं। इस प्लेटफार्म का धड़ल्ले से दुरुपयोग को देखते हुए सख्त नियम बनाने की बात कही जा रही है। शुक्रवार को राज्यसभा के बजट सत्र में बोलते हुए इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन के सदस्यों से सोशल मीडिया पर सख्त नियम बनाने के लिए सहमति मांगी।
प्रश्नकाल के दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता झरना दास बैद्य ने सोशल मीडिया को लेकर सवाल उठाया। जिसके जवाब में मंत्री ने कहा कि अगर सदन की सहमति है, तो हम और भी सख्त सोशल मीडिया नियम बनाने के लिए तैयार हैं। बैद्य द्वारा पूछे जाने पर वैष्णव ने कहा, “इस बिंदु पर, हम संविधान के ढांचे के भीतर काम कर रहे हैं। लेकिन हां, आगे जाकर हमें सोशल मीडिया को और अधिक सुरक्षित बनाने की जरूरत है।”
वहीं, सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा नियमों की अवहेलना पर कार्रवाई को लेकर सवाल पर मंत्री ने बताया कि इस स्थिति में सरकार द्वारा कई कार्रवाई की गई हैं। खासतौर से ट्विटर द्वारा की जा रही अवहेलना के मद्देनजर उठाए जा रहे कदमों का जवाब देते हुए, वैष्णव ने कहा कि ‘महिलाओं की सुरक्षा’ सरकार की प्राथमिकता है।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, कोई भी मुद्दा सरकार के संज्ञान में आते ही जांच की जाती है। जो भी बिंदु सामने आते हैं उन पर तेजी से कार्रवाई भी होती है, लेकिन जब भी सरकार सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने के लिए कोई कदम उठाती है। तो विपक्ष अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का आरोप लगाते हुए हमला बोल देता है। लेकिन यह सच नहीं है हमें हर चीज का संतुलन बनाना होगा। उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया को सुरक्षित स्थान बनाने के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। सरकार की तरफ से अनिवार्य रूप से पांच महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ हैं। जो अपनी मासिक अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए बाध्य हैं।