जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव समेत कई मुद्दों पर न्यूज एजेंसी एएनआई से चर्चा की। 70 मिनट लंबे इस इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने चुनाव और देश से जुड़े हर मुद्दे पर अपना पक्ष रखा। एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं इस चुनाव में सभी राज्यों में देख रहा हूं कि भाजपा के प्रति लहर है, भारी बहुमत से भाजपा जीतेगी। हमें सेवा का मौका इन सभी 5 राज्यों की जनता देगी। जिन राज्यों ने हमें सेवा का मौका मिला है, उन्होंने हमें परखा है, हमारे काम को देखा है।
विपक्षी दलों को पीएम मोदी का जवाब
वहीं विपक्षी दलों पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह ‘अनेकता में एकता’ के मंत्र का पालन करने के लिए सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं और यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ नेता निहित स्वार्थों के लिए विविधता की अवधारणा का शोषण कर रहे हैं। बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सभी को साथ लेकर चलने के लिए अपना प्रयास किया और मेरा मानना है कि यह राष्ट्र के विकास का एकमात्र मार्ग है। हम विविधता में एकता में विश्वास करते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से कुछ नेता निहित स्वार्थों के लिए एक दूसरे के खिलाफ विविधता की अवधारणा का उपयोग कर रहे हैं। हम विविधता के बीच एकता चाहते हैं।
विपक्षी नेताओं के आरोपों पर मोदी का बयान
पीएम मोदी ने यह बयान राहुल गांधी, के चंद्रशेखर राव, एमके स्टालिन, महबूबा मुफ्ती और ममता बनर्जी सहित विपक्षी नेताओं को लेकर दिया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भाजपा देश की विविधता का सम्मान नहीं करती है। वहीं यह पूछे जाने पर कि विपक्ष का दावा है कि भाजपा क्षेत्रीय आकांक्षाओं को नहीं समझती है, जिस पर मोदी ने कहा कि भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो राष्ट्र के विकास के लिए क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने में विश्वास करती है। मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं जो लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा हूं। मैं अच्छी तरह समझता हूं कि एक राज्य की आकांक्षाएं और आवश्यकताएं क्या हैं?
‘देश के लोग अब उनके जाल में नहीं फंसेंगे’
उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी दल देश को बांटने के नापाक मंसूबों में लिप्त हैं, लेकिन देश के लोग इतने परिपक्व हैं कि उनके जाल में नहीं फंस सकते। कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 50 सालों में उन्होंने देश को केवल अलगाववाद की ओर ले जाने वाले बांटने का काम किया है। लेकिन यह देश और उसके नागरिकों का चरित्र नहीं है।
‘अब विदेशी मेहमान दिल्ली तक सीमित नहीं’
वैश्विक स्तर पर भारत की विविधता को बढ़ावा देने पर पीएम मोदी ने कहा कि कई विदेशी देशों के प्रमुख अब भारत में विभिन्न राज्यों का दौरा करते हैं, पहले की प्रथा के विपरीत है, जो केवल दिल्ली तक सीमित रखने की प्रथा थी। मोदी ने कहा, “पहले विदेशी मेहमानों की यात्रा केवल दिल्ली तक ही सीमित थी। लेकिन मुझे इसमें विश्वास नहीं है। मैं उन्हें विभिन्न स्थानों पर ले जाता हूं। मैं चीन के राष्ट्रपति को तमिलनाडु ले गया, फ्रांस के राष्ट्रपति को उ.प्र. ले गया, जर्मन चांसलर को कर्नाटक ले गया। तब भी जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी।”
‘देश के हर राज्य को बढ़ावा देना मेरी प्राथमिकता’
प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू में आगे कहा कि देश की शक्ति को उभारना, हर राज्य को प्रोत्साहन देना हमारा काम है। UN में मैं तमिल में बोलता हूं दुनिया को गर्व होता है कि भारत के पास दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। इस सवाल का जवाब देते हुए कि अगर क्षेत्रीय आकांक्षाओं को बढ़ावा दिया जाता है तो इससे देश की एकता को खतरा होगा और अलगाववाद को बढ़ावा मिलेगा जिस पर पीएम मोदी ने कहा, “भारत जैसा देश जहां सामाजिक व्यवस्था विविधता से भरी है, अगर हम सामाजिक न्याय में हेरफेर करते हैं, तो यह हमारे देश को नुकसान पहुंचाएगा। इस कारण समाज के सबसे हाशिये के वर्ग के व्यक्ति को भी विकास का अवसर मिलना चाहिए। समाज में सामाजिक न्याय की तरह, देश का विकास नहीं हो सकता है अगर कोई हिस्सा पिछड़ जाता है। हमें समग्र और समावेशी होना चाहिए विकास। सभी का विकास होना चाहिए। समाज में सामाजिक न्याय की भांति यदि कोई अंग पिछड़ गया तो देश का विकास नहीं हो सकता। हमारा समग्र और समावेशी विकास होना चाहिए। सभी का विकास होना चाहिए।”
110-115 जिले पर सरकार दे रही कुछ इस तरह ध्यान
वहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 110-115 “आकांक्षी जिलों” की पहचान की है, जो राज्यों के सहयोग से विकास के मानकों में पिछड़ गए हैं। ये जिले शासन में मुद्दों के कारण औसत से भी नीचे हैं, न कि योजनाओं के कार्यान्वयन के कारण। केवल एक राज्य ने इसका विरोध किया। हमने उन पर विशेष ध्यान दिया। मैंने व्यक्तिगत रूप से जिला प्रमुखों से बात की ताकि कल्याणकारी योजनाएं तेजी से वहां पहुंचें। मैं राज्य सरकारों से उन जिलों में युवा अधिकारियों को तैनात करने का आग्रह करता हूं, न कि सेवानिवृत्त या पदोन्नत आईएएस अधिकारियों को। मैंने राज्यों से भी आग्रह किया कि वे अधिकारियों को बार-बार ना बदलें और उन्हें कम से कम तीन साल तक वहां रखें। मैंने देखा है कि सभी राज्य सहमत हैं। अब ये आकांक्षी जिले आगे बढ़ रहे हैं और कुछ ने तो कई मानकों में राज्य के औसत को भी पार कर लिया है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे का जिक्र करते हुए कहा कि संघवाद में हर इकाई का विकास होना चाहिए। कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय आकांक्षाओं का लाभ उठाते हुए प्रधान मंत्री ने कहा, “ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क देश के हर गांव तक पहुंचना चाहिए। हम अपने सभी प्रयासों को उसमें डाल रहे हैं। हम पूरे देश का विकास चाहते हैं।”