जनजीवन ब्यूरो / देहरादून । उत्तराखंड में चुनाव के दौरान मुस्लिम यूनिवर्सिटी को दिए कांग्रेस नेता के बयान के बाद विवाद खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। पूरे प्रकरण को लेकर सियासत गर्मा गई है। भाजपा ने सीधे इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को निशाना बनाया है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और देश को एक सदी पीछे ले जाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। जिसके बाद खुद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मीडिया में आकर बड़ा ऐलान किया है। हरीश रावत ने कहा है कि आरोप सच हुआ तो वह राजनीति नहीं बल्कि प्राण भी त्याग देंगे। हरीश रावत के इस बयान के बाद अब भाजपा के लिए इस प्रकरण को आगे बढ़ाना नई चुनौती साबित होगी। हालांकि इससे पहले शुक्रवार को छुट्टी के आदेश को लेकर भी भाजपा ने कांग्रेस पर प्रहार किया था। जिसके बाद एक पत्र के वायरल होने के बाद भी राजनीति गर्मा चुकी है।
धार्मिक मुद्दे और तुष्टीकरण को लेकर जमकर हो रही सियासत
प्रदेश में 14 फरवरी को मतदान है। इससे पहले सियासी दल वोटर को लुभाने में जुटे हैं। इस बीच भाजपा और कांग्रेस में अब धार्मिक मुद्दे और तुष्टीकरण को लेकर भी जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। भाजपा ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चारों तरफ से घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले पर कांग्रेस को जमकर कोसा है। प्रधानमंत्री मोदी के कांग्रेस पर हमलावर होने के बाद हरीश रावत को सामने आकर पूरे प्रकरण पर सफाई देनी पड़ी है। हरीश रावत का दावा है कि उन्होंने इस तरह का कोई वादा नहीं किया है, नहीं घोषणा पत्र में इसका जिक्र है। हरीश रावत ने इसकी सच्चाई न होने का दावा करते हुए कहा कि इस तरह के दावे में कोई सच्चाई नहीं है, उन्होंने कहा कि अगर इसमें सच्चाई हुई तो वे राजनीति क्या प्राण भी त्याग देंगे।
क्या है विवाद
कांग्रेस के एक नेता के उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मांग पर किए गए दावे के बाद भाजपा ने सोशल मीडिया पर जमकर हरीश रावत और कांग्रेस पर निशाना साधा। जिसके बाद राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप भी जारी हैं। मुद्दे पर बवाल बढ़ता देख मामला निर्वाचन आयोग तक भी पहुंचा। जिसके बाद भाजपा बैकफुट पर भी नजर आई। बवाल तब बढ़ा जब पूर्व सीएम हरीश रावत के एक चित्र के साथ छेड़छाड़ कर उसे खूब प्रसारित किया गया। इसके जवाब में पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक वीडियो अपलोड कर भाजपा को विकास के मुद्दों पर खेल खेलने की चुनौती दी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तराई सीटों पर हुई वर्चुअल रैली में इस प्रकरण को उठाया है। जानकारों की मानें तो इसके पीछे भाजपा की रणनीति अब मोदी फैक्टर और हिंदू वोटर को अपनी तरफ रिझाने की कोशिश मानी जा रही है। इसका असर बीते दिनों में सामने आए मीडिया सर्वे में भी नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि इस प्रकरण को उठाने के बाद भाजपा को चुनाव में फायदा हो सकता है।