जनजीवन ब्यूरो
पटना/भभुआ : आखिरकार कैमूर जिला प्रशासन ने सोमवार को भभुआ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रैली करने की इजाजत दे दी. प्रशासन के इस कदम के बाद महागंठबंधन ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए मांग की कि वोटिंग के दौरान पीएम की रैली पर रोक लगायी जाए या फिर उनकी रैली के टीवी प्रसारण पर रोक लगाई जाए, ऐसा नहीं होनो पर मतदान प्रभावित हो सकता है.
इससे पहले सभा के लिए भाजपा की ओर से दूसरा आवेदन देने के बाद वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने शनिवार की देर रात एयरपोर्ट मैदान का दौरा कर वहां की कमियों व जरूरतों का जायजा लिया. इस रैली को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भभुआ में प्रधानमंत्री की रैली होगी या नहीं इसका फैसला चुनाव आयोग करेगा.
इससे पहले डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट देवेश सेहरा ने मोदी को कैमूर में रैली करने की इजाजत नहीं दी। इसे लेकर बिहार में नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। कैमूर में पीएम की रैली 12 अक्टूबर को होनेवाली थी। विवादों के बीच आए सेहरा ने पहले भी पीएम मोदी से जुड़े राजनीतिक पोस्ट अपने वॉल पर शेयर किया है। सेहरा पहले भी विवादों में रह चुके हैं।
देवेश ने www.facebook.com/divesh.sehara नाम के एफबी पेज पर जून माह में आईपीएल के पूर्व कमीश्नर ललित मोदी के कुछ आतंरिक फोटोज शेयर किया हुआ है। जबकि, जस्टिस काटजू का एक स्टेटस भी शेयर किया है, जिसमें काटजू ने पीएम मोदी के योग अभियान पर देश की कुपोषण समस्या के बहाने चुटकी ली है। (आगे की स्लाइड्स पर स्टेटस की स्क्रीन शॉट)
देवेश 2005 के आईएएस अफसर हैं। मूल रूप से यूपी के निवासी हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई केरल में हुई है। वे कोट्टायम की महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी से फर्स्ट डिविजन के साथ इकॉनोमिक्स में ग्रैजुएट हैं। उन्होंने केंद्रीय विद्यालय से अपनी शुरुआती पढ़ाई की। सिविल सेवा में आने से पहले देवेश, स्टील अथॉरिटी में भी काम कर चुके हैं। उनकी पत्नी का नाम दीपा कोट्टुरी सेहरा है। वे पहले भी विवादों में रह चुके हैं। उनके ऊपर 2007 में एक कर्मचारी सुशील ने केस दर्ज कराया था। उस समय सेहरा गया में पोस्टेड थे। सुशील का आरोप था कि सेहरा ने कुछ मिनट लेट आने पर उससे सौ बार उठक-बैठक की सजा दी थी। ऐसा नहीं कर पाने पर इस आईएएस ने उसे बेइज्जत किया था।