जनजीवन ब्यूरो/ नई दिल्ली । साल 2008 में हुए अहमदाबाद सीरीयल धमाकों में एक सपा नेता के बेटे को दोषी पाए जाने के बाद भाजपा ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को चौतरफा घेरना शुरू कर दिया है। अहमदाबाद ब्लास्ट पर एक दिन पहले आए न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘इस मामले में आए अदालत के फैसले का हम स्वागत करते हैं। 49 दोषियों को सजा सुनाई गई – 38 को मौत की सजा, 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। ऐसा तब हुआ था जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे।’
सपा नेता का बेटा था अहमदाबाद ब्लास्ट का मास्टमाइंट
उन्होंने सपा पर हमला करते हुए कहा कि इन 49 दोषियों में सपा नेता शादाब अहमद का बेटा मोहम्मद सैफ भी शामिल है। अखिलेश यादव इस पर चुप क्यों हैं। उन्होंने शादाब अहमद के साथ अखिलेश यादव की एक फोटो दिखाते हुए कहा कि क्या अखिलेश ने इन्हें बिरयानी खिलाने के लिए बुलाया था। उनका बेटा मास्टरमाइंड था और इन धमाकों में शामिल था।
अगर सपा सत्ता में आई तो पूरे देश में आतंकवादियों की सप्लाई होगी
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ने खुलासा करते हुए कहा कि जिन लोगों को कोर्ट द्वारा इस मामले में दोषी करार दिया गया है उनमें एक है मोहम्मद सैफ पुत्र समाजवादी पार्टी नेता शहबाद अहमद। ये समाजवादी पार्टी नेता कौन हैं? इस पर अखिलेश यादव की चुप्पी क्यों है? अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे उस वक्त की तस्वीर में अखिलेश यादव और शाहबाज अहमद एक साथ हैं। क्या उस समय के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मिस्टर समाजवादी पार्टी नेता को बिरयानी खिलाने बुलाये थे, जिनका बेटा अहमदाबाद बम ब्लास्ट में मास्टर मांइड था । क्या इस पर अखिलेश यादव चुप्पी तोड़ेंगे? आजमगढ़ को आतंकवादियों का गढ़ बनाने का काम समाजवादी पार्टियों ने किया है, क्या उस पर अखिलेश जी चुप्पी तोड़ेंगे ?
केंद्रीय मंत्री ने सपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इनको पुलिस और एटीएस पर भरोसा नहीं है, किन्तु आतंकियों को संरक्षण देने में पूरा जोर लगा देते हैं। तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ही समाजवादी पार्टी की सरकार में गुंडे, माफिया और आतंकियों का बल मिलता रहा। समाजवादी पार्टी देश की ऐसी पहली पार्टी है, जिसने 2012 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बात का ऐलान किया था कि सरकार बनते ही आतंकियों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस लिया जाएगा और पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लखनऊ और अयोध्या में जिसने बम हमले किए, उन्हें अखिलेश सरकार ने रिहा करवाया. 2013 में सरकार बनते ही अखिलेश ने आतंकवादियों को छोड़ा था. जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था. कोर्ट की डबल बेंच ने संज्ञान लेते हुए कहा कि आज आतंकियों को छोड़ देंगे तो क्या उन्हें पदम भूषण देंगे। अदालत का यह बयान तत्कालीन अखिलेश यादव की सरकार पर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है। अखिलेश सरकार में जिन आतंकियों पर से टेरर चार्जेज हटाये गए थे, वे कौन लोग हैं, जिन्होंने अयोध्या, लखनउ, वाराणसी में बम ब्लास्ट किया था?
अहमदाबाद बम धमाके में अदालत ने 49 दोषियों में से 38 को फांसी की जबकि 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी। यह तब हो पाया जब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जी थे। उस समय के सीरियल बम ब्लास्ट में एंजेसी की रिपोर्ट है कि नरेन्द्र मोदी पर हमला करने की साजिश थी। ब्लास्ट होने के बाद सभी जांच एजेंसियों का कहना था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जी घटना स्थल पर न जाएं। किन्तु मोदी जी घटना स्थल पर गए। पुलिस कमीश्नर के दफ्तर गए। घायलों को देखने अस्पताल भी गए और उसके बाद आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए उनकी मुहिम लागातार चलती रही।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अहमदाबाद बम धमाके की निष्पक्ष जांच के लिए फ़ौरन एसआईटी का गठन किया गया । मात्र 19 दिनों के भीतर आतंकियों के खिलाफ काररवाई की गयी। आतंकी पकडे गए। केस साल्व हुए। नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में तत्कालीन गुजरात सरकार ने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की और आज भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार आतंकियों को जड़ से मिटाने के लिए दृढसंकल्प है । सिम्मी हो या इंडियन मुजाहीददीन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इनकी कमर तोड़ने का काम किया है। लेकिन ताज्जुब है कि कोर्ट के फैसले आने के बाद भी सपा नेताओं और उनकी पार्टी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. सपा नेताओं की इस मामले में ख़ामोशी कई सवाल खड़े करती है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलेरेंस की नीति पर काम कर ही रहे हैं, गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की, 26/11 का हमला हुआ तो मुम्बई गए। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी जी ने वैश्विक पटल पर दुनियाभर के नेताओं के साथ आतंकवाद पर जीरो टालेरेंस की नीति को आगे बढाया है और आगे भी बढाएंगे। पिछले सात वर्षो में सैकड़ों आतंकवादियों को मार गिराया गया। आंतकी हमलों को अंजाम नहीं देने दिया गया है। यह भाजपा की आतंकवाद के प्रति जीरो टालेरेंस नीति है ।बाटला हाउस मुठभेड़ का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा जी की शहादत पर कांग्रेस और सपा के बडे़ नेताओं ने प्रश्न चिन्ह खड़े किये थे। कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि सोनिया गांधी उन गुनाहगारों के घरों पर जाकर फूट फूट कर रोयी थीं, लेकिन सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास शहीद मोहन चंद्र शर्मा के घर जाने का समय नहीं था। न अखिलेश जी के पास समय था और ना ही बाकी नेताओं के पास। इसी प्रकार, रामपुर के सीआरपीएफ कैम्प पर आतंकी हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे। इस मामले में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस हमले में शामिल आतंकियों पर से केस वापस लेने की कोशिश की थी। अल कायदा के आपरेटीव लखनउ में पकड़े गए थे, लेकिन समाजवादी पार्टी ने पुलिस की जांच और एटीस पर सवाल खडे़ किए थे। यह इनका आतंकी प्रेम दिखाता है।