जनजीवन ब्यूरो / चंडीगढ़ । पंजाब के दिग्गज नेताओं के भाग्य का फैसला रविवार को हो जाएगा लेकिन चुनाव परिणाम 10 मार्च को सामने आएंगे। लेकिन पंजाब के सियासी रण में कौन दिग्गज नेता किस विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं और उनके विधानसभा के सियासी समीकरण कैसे हैं इसकी झलक आप जान पाएंगे। आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित किया है। वह संगरूर ज़िला के धुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम उम्मीदवार घोषित किया है, वह चमकौर साहिब और भदौड़ विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोक रहे हैं। इसके साथ ही शिअद-बसपा गठबंधन की तरफ़ से सुखबीर सिंह बादल सीएम पद के उम्मीदवार होंगे। सुखबीर बादल जलालाबाद विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं।
धुरी विधानसभा सीट से दांव आज़मा रहे मान
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया भी अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट से सिद्धू को टक्कर दे रहे हैं। वहीं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला शहर से चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में इन सभी दिग्गज नेताओं की किस्मत दांव पर लगी हुई है, क्योंकि पंजाब में कई तरह से सियासी समीकरण बदलने के बाद कई नेताओं ने तो अपने गढ़ को छोड़ कर दूसरे विधानसभा सीट से चुनावी बिगुल फूंका है। धुरी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को चुनावी रण में उतारा है। वहीं उनके ख़िलाफ़ कांग्रेस की टिक पर दलवीर सिंह गोल्डी चुनाव लड़ रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल की तरफ़ से प्रकाश चंद्र गर्ग चुनावी मैदान में हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर रनदीप सिंह देओल चुनाव लड़ रहे हैं।
क्या भगवंत मान रख पाएंगे पार्टी का मान ?
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भगवंत मान की बात की जाए तो वह पंजाब के युवा उन्हें ज़्यादा पसंद करते हैं। सियासत की सफ़र करने से पहले वह अच्छे हास्यकलाकारों में शुमार किए जाते थे। राजनीति में अभी तक उन पर किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। उनकी गिनती पंजाब के ईमानदार नेताओं में आती है। ग़ौरतलब है कि वह सामान्य जाट सिख परिवार से हैं और मालवा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। पंजाब की सियासत में मालवा क्षेत्र और सामान्य जाट सिख समुदाय एक अहम किरदार निभाता आ रहा है। वहीं भगवंत मान की खामियों की बात की जाए तो वह कथित तौर पर शराब के नशे में डूबे रहते हैं। इस वजह से विपक्षी दलों के नेता उन पर निशाना साधते रहे हैं। वहीं हास्य कलाकार होने की वजह से विपक्षी दलों के नेता उन्हें (भगवंत मान) को ग़ैर ज़िम्मेदार नेता की संज्ञा देते हैं।
चरणजीत चन्नी के खिलाफ़ कौन-कौन हैं मैदान में ?
कांग्रेस की तरफ़ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी हैं। वह इस बार पंजाब की दो विधानसभा सीटों से चुनावी मैदान में दांव आजमा रहे हैं। चमकौर साहिब विधानसभा सीट उनकी परंपरागत सीट रही है, इसके साथ ही वह भदौड़ सीट से भी किस्मत आज़मा रहे हैं। चमकौर साहिब विधानसभा सीट से चरणजीत सिंह चन्नी के ख़िलाफ़ आम आदमी पार्टी की तरफ़ से डॉ. चरणजीत सिंह चुनावी मैदान में उतरे हैं। शिअद-बसपा गठंबधंन की तरफ़ से हरमोहन सिंह बहुजना समाज पार्टी की तरफ़ से चुनावी ताल ठोक रहे हैं। इसके अलावा भाजपा गठबंधन की तरफ़ से भाजपा की टिकट पर दर्शन सिंह शिवजोत चुनावी बिगुल फूंक रहे हैं। भदौड़ सीट की बात की जाए तो इस सीट से चरणजीत सिंह चन्नी के ख़िलाफ़ आम आदमी पार्टी की तरफ़ से लाभ सिंह उगोके चुनावी मैदान में हैं। वहीं शिअद-बसपा गठबंधन की तरफ़ से शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर सतनाम सिंह राही चुनावी मैदान में हैं। इसके साथ ही भाजपा गठबंधन की तरफ़ से पंजाब लोक कांग्रस की टिकट पर धर्म सिंह फौजी चुनावी ताल ठोक रहे हैं।
क्या चन्नी के सिर सजेगा जीत का सेहरा ?
चरणजीत सिंह चन्नी की खूबीयां और खामियों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री बनाए गए। अपने 111 दिनों के कार्यकाल में उन्होंने पंजाब की जनता के साथ-साथ दलित समुदाय में अपनी पकड़ काफ़ी मजबूत की है। वहीं अपने कार्यकाल के दौरान जनता से किए वादे को अमलीजामा पहनाना उन्हें सियासी फ़ायदा पहुंचा सकता है। इसके साथ ही चमकौर साहिब से लगातार तीन बार विधायक चुना जाना उनके लिए प्लस प्वॉइंट साबित हो सकता है। पीएम मोदी के कथित सुरक्षा चूक मामले में भाजपा का जिस तरह से उन्होंने काउंटर किया वह भी उन्हें सियासी माइलेज दे सकता है। वहीं उनके खामियों की बात की जाए तो पिछली सरकार की खामियां उनके लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। इसके साथ ही अवैध खनन के मामले उच्चस्तरीय जांच भी उनके लिए निगेटिव प्वाइंट हो सकता है।
क्या कैप्टन बुलंद कर पाएंगे अपना झंडा ?
भाजपा, पीएलसी और शिअद (संयुक्त) गठबंधन कर चुनावी मैदान में हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह की भी क़िस्मत दांव पर लगी हुई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला शहर से चुनाव लड़ रहे हैं, उनके खिलाफ़ी कांग्रेस की टिकट पर पटियाला शहर सीट से विष्णु शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी की तरफ़ से अजीतपाल सिंह कोहली चुनावी ताल ठोक रहे हैं। शिअद-बसपा गठबंधन की तरफ़ से हरपाल जुनेजा चुनावी मैदान में हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के वरिष्ठ नेताओं में शुमार किए जाते हैं। 1984 ब्लू स्टार के ख़िलाफ़ उन्होंने सांसद पद और पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके साथ ही पंजाब के लिए पानी के मुद्दे में पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित करवाने से उनकी छवि बेबाक नेताओं वाली बनी। वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे जो उन्हें सियासी फ़ायदा पहुंचा सकता है। वहीं उनकी खामियों की बात की जए तो वह अपने कार्यकाल के दौरान जनता की पहुंच से दूर थे। किसान आंदोलन के दौरान किसानों के साथ थे उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करना उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
क्या सुखबीर बादल बचा पाएंगे अपनी विरासत ?
शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाजवादी पार्टी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सुखबीर सिंह बादल की बात की जाए तो उनका नाम पंजाब के दिग्गज नेताओं में शुमार किया जाता है। सियासी गलियारों में यह कहा जाता है कि सुखबीर बादल एक सुलझे हुए नेता हैं और चुनावी रणनीति में एक कुशल प्रबंधक हैँ। सुखबीर सिंह बादल जलालाबाद विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं हैं। उनके ख़िलाफ़ कांग्रेस की टिकट पर मोहन सिंह फलियांवाला चुनावी ताल ठोक रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी की तरफ़ से जगदीप ‘गोल्डी’ कंबोज चुनावी मैदान में हैं। इसके साथ ही भाजपा गठबंधन की तरफ़ से पूरन चंद्र भाजपा की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। आपको बता दें कि सुखबीर बादल ने जब से चुनावी सफ़र का आग़ाज़ किया कभी भी मात नहीं खाई है। पंजाब में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करने का फ़ैसला उनके लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकता है। इसी के साथ ही टिकट बंटवारे में संतुलन के साथ उम्मीदवार उतारना और टिकट बंटवारे के बाद बग़ावत नहीं होना भी उन्हें सियासी फ़ायदा पहुंचा सकता है। सुखबीर सिंह बादल की खामियों की बात की जाए तो उनपर हथियारों के बल पर अपने व्यापार को बढाने का आरोप है। इसके साथ ही शिअद की सरकार में बेअदबी का मामला, रेत, ड्रग्स, केबल जैसे मामले में ठोक क़दम नहीं उठाने के भी आरोप लगते रहे हैं।
अमृतसर ईस्ट सीट पर हो सकता है दिलचस्प मुक़ाबला
शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू इस बार अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट से आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं। अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नवजोत सिंह सिद्धू चुनावी मैदान में हैं। वहीं आम आदमी पार्टी की तरफ़ से जीवनजोत कौर चुनाव लड़ रही हैं। इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर बिक्रमजीत सिंह मजीठिया चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं भाजपा गठबंधन की तरफ़ से डॉक्टर जगमोहन सिंह राजू चुनावी मैदान में हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के लिए अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट से चुनाव में जीत दर्ज करना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने शिअद नेता को इस सीट से जीत दर्ज करने की चुनौती दी थी। वहीं सिद्धू की चुनौता क़बूल करते हुए शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया अपने गढ़ को छोड़कर अमृतसर ईस्ट विधानसभा चुनाव से पर्चा भरा और यहां से जीत दर्ज करने का दावा भी कर रहे हैं।इसलिए अमृतसर ईस्ट विधानसभा से जीत दर्ज करना दोनों प्रत्याशियों के लिए नाक की लड़ाई बनी हुई है। चुनाव के नतीजे के बाद ही यह साफ़ हो पाएगा के किस नेता ने अपनी शाख बचाई है और किसे शिकस्त का सामना करना पड़ा है।