जनजीवन ब्यूरो / रांची : चारा घोटाले मामले में आज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई गई है।रांची की सीबीआई अदालत ने राजद नेता लालू प्रसाद यादव को 5 साल कैद की सजा सुनाई और उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह लालू प्रसाद से जुड़ा पांचवां और अंतिम मामला है। हालांकि कानूनी जानकारों का कहना है कि लालू यादव के लिये राहत यह भी है कि इस केस में अब वह जमानत के लिये आवेदन दे सकते हैं क्योंकि इस सजा का आधा ढाई वर्ष का समय वह जेल में बिता चुके हैं। लालू के वकील ने कहा कि अब इस केस में वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई जज एस के शशि ने चारा घोटाले के दोषियों को ऑनलाइन कोर्ट सेशन में सजा सुनाई गई। सुनवाई से पहले होटवार जेल प्रशासन की ओर से उन्हें लैपटॉप उपलब्ध कराया गया था। सजा सुनाए जाने से पहले लालू यादव के वकील प्रभात कुमार ने उनके तरफ से पक्ष रखा।
खबरों के मुताबिक, लालू यादव के वकील ने कहा कि लालू की उम्र 75 साल हो गई है और उन्हें 17 तरह की बीमारियां हैं इसलिए उन्हें कम से कम सजा सुनाई जाए। वहीं, सीबीआई के अधिकारी ने कोर्ट से ज्यादा से ज्यादा सजा देने की मांग की। बता दें कि लालू प्रसाद यादव इस समय रांची रिम्स में इलाजरत हैं।
जाहिर है कि देश के बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े (डोरंडा ट्रेजरी से 139 करोड़ रुपये के गबन) केस में मंगलवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को दोषी करार दिया था। लालू प्रसाद इससे पहले चारा घोटाला के चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा काट चुके हैं।
गौरतलब है कि चारा घोटाला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया। सीबीआई ने जून 1997 में प्रसाद को एक आरोपी के रूप में नामित किया। एजेंसी ने प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए। सितंबर 2013 में, ट्रायल कोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में प्रसाद, मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया और प्रसाद को रांची जेल में कैद किया गया था।
दिसंबर 2013 में, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में प्रसाद को जमानत दे दी, जबकि दिसंबर 2017 में, सीबीआई अदालत ने उन्हें और 15 अन्य को दोषी पाया और उन्हें बिरसा मुंडा जेल भेज दिया। इसके बाद झारखंड हाई कोर्ट ने प्रसाद को अप्रैल 2021 में जमानत दे दी।