जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुए आज यहां कहा कि इसकी यादों को बनाये रखने की जरूरत है ताकि देश के लोकतांत्रिक ढांचे और मूल्यों को और मजबूत बनाने के लिए इससे सबक लिया जा सके।
लोकतंत्र के प्रहरी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, इमरजेंसी लोकतंत्र पर सबसे बड़ा आघात था। उस अवधि में देश को संकट के जिस दौर से गुजरना पड़ा, उसने भारतीय लोकतंत्र को संतुलित किया और वह मजबूत होकर निकला। मैं उन लोगों का आभारी हूं जिन्होंने इसके खिलाफ संघर्ष किया और लड़े। मोदी ने इमरजेंसी के खिलाफ संघर्ष करने वालों और जेल जाने वाले कुछ लोगों को सम्मानित भी किया।
मोदी ने कहा, इमरजेंसी को इस रूप में याद नहीं किया जाना चाहिए कि तब क्या हुआ था बल्कि इसे हमारे देश के लोकतांत्रिक ढांचे और मूल्यों को और मजबूत बनाने के संकल्प के रूप में याद रखे जाने की जरूरत है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जयप्रकाश नारायण एक संस्थान थे, वह एक प्रकाशपुंज और आदर्श थे और इमरजेंसी के दौरान एक नई राजनीतिक पीढ़ी ने जन्म लिया जो जेपी की प्रेरणा से लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति पूरी तरह से समर्पित थी।
प्रधानमंत्री ने कहा, इमरजेंसी विरोधी संघर्ष से जो सबसे बड़ा संदेश निकल कर सामने आया, वह दमन के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा थी। इसलिए आज राजनीति में कई लोग अपने प्रारंभिक दिनों को इमरजेंसी से, जेपी आंदोलन, नवनिर्माण आंदोलन से जोड़ते हैं.. जिसने देश को नये तरह की राजनीति प्रदान की। लोकतंत्र के लिए जयप्रकाश नारायण के संघर्ष को मानक बनाये जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि उनके भाषणों में उन लोगों के गहरे आक्रोश की अभिव्यक्ति होती है जो आपातकाल के दौरान प्रभावित हुए थे। हालांकि वह मृदुभाषी थे, उनके भाषण उबलते हुए लावा के समान थे। इससे पहले प्रधानमंत्री पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आवास पर जाकर उनसे मिले। मोदी ने राजग के पूर्व संयोजक जार्ज फर्नांडिस के आवास पर भी जाकर उनसे भेंट की जिन्होंने उन दिनों में लोकतंत्र के लिए संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
समारोह में जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, शिरोमणि अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल, चार राज्यपाल कल्याण सिंह, ओ पी कोहली, बलराम दास टंडन और बजूभाई वाला, लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर करिया मुंडा के अलावा भाजपा नेता वी के मल्होत्रा, जयंती बेन मेहता और सुब्रमण्यम स्वामी शामिल हैं। मोदी ने राकांपा नेता डी पी त्रिपाठी, पत्रकार वीरेन्द्र कपूर, के विक्रम राव, प्रो. रामजी सिंह, कामेश्वर पासवान और आरिफ बेग को भी सम्मानित किया।