जनजीवन ब्यूरो / चंडीगढ़। भगवंत मान पंजाब के सीएम पद की शपथ ले ली है। भगवंत मान ने अपनी कामेडी के लोगों के दिलों में जगह बनाई और 2011 में राजनीतिक में कदम रखा। उन्होंने पहले मनप्रीत बादल की पार्टी पंजाब पीपल्स पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
भगवंत मान ने पहली बार पीपीपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बाद में उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था। उस समय आम आदमी पार्टी ने राजनीति की शुरुआत ही की थी। 2014 में भगवंत मान ने संगरूर से लोकसभा चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की।
2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भगवंत मान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। तब पंजाब में आप के चार सांसद जीते थे। वर्ष 2019 में भगवंत मान ने फिर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस बार भगवंत मान ने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते।
चुनाव से पहले पार्टी ने भगवंत मान को सीएम फेस बनाया था। भगवंत मान की अगुआई में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। पार्टी को कुल 117 विधानसभा सीटों में से 92 सीट पर जीत मिली। सत्तारूढ़ कांग्रेस की बुरी हार हुई। कांग्रेस 18 सीटों पर, जबकि अकाली दल 3 सीटों पर सिमटकर रह गई।
भगवंत मान का जन्म संगरूर के गांव सतौज में हुआ था। उन्हें पिता स्व। महिंदर सिंह विज्ञान के अध्यापक थे, जबकि माता हरपाल कौर गृहणी हैं। भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को हुआ। उनकी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव के स्कूल में ही हुई।
भगवंत मान ने आठवीं की पढ़ाई सरकारी स्कूल तोलावाल से की, जबकि नौंवी व दसवीं की पढ़ाई चीमां से की। ग्रेजुएशन उन्होंने शहीद ऊधम सिंह सुनाम से प्राप्त की। यहीं से भगवंत मान की रुचि हास्य व्यंग्य में पैदा हुई। अपने चुटकुलों से वह लोगों को हंसाने लगे। दो बार उन्हें पंजाबी यूनिवर्सिटी में गोल्ड पदक भी हासिल हुआ।
इसके बाद वर्ष 1992 में भगवंत मान ने अपनी पहली कैसेट गोभी दीए कच्चीए व्यापारणें निकाली। इसके बाद करीब दो दर्जन कैसेट मार्केट में आईं, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा। वर्ष 2008 में भगवंत मान ने टीवी शो दा ग्रेट इंडिया लाफ्टर चैलेंज में भाग लिया व दुनिया भर में अपनी कामेडी के जरिये लोगों के दिलों में राज किया।
- भगवंत मान ने वर्ष 2012 दौरान पीपीपी से हलका लहरा पर विधानसभा चुनाव लड़ा था
- पहले चुनाव में भगवंत राजिंदर कौर भट्ठल से हारे।
- 2014 में आप के टिकट पर संगरूर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
- वर्ष 2019 में लगातार दूसरी जीत दर्ज करके संसद पहुंचे।
- वर्ष 2022 में धूरी से विधानसभा चुनाव लड़ा और 50 हजार से अधिक के अंतर से जीत दर्ज की।