जनजीवन ब्यूरो / रांची : आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले में मांडर विधायक बंधु तिर्की को दोषी करार दिया है. साथ ही 3 साल की सजा का ऐलान किया गया है. बंधु तिर्की को सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता जाने की आंशका जतायी जा रही है. विधायक बंधु तिर्की Prevention of corruption act की धारा 13(2)13(1) 13 (3) के तहत दोषी क़रार दिए गए है. यह मामला वर्ष 2010 में दर्ज किया गया था. इस केस का नंबर आरसी 5(A) 2010 है. CBI के मुताबिक बंधु तिर्की ने अपने विधायक और मंत्री रहने के दौरान वर्ष 2005 से लेकर वर्ष 2009 के बीच 6 लाख 28 हज़ार 698 रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है.
CBI ने इन आरोप को साबित करने के लिए न्यायालय में 21 गवाह और बंधु तिर्की की संपत्ति के काग़जात, आय-व्यय का ब्यौरा और वेतन का ब्यौरा कोर्ट को दिया है. अपने बचाव में बंधु ने भी 8 गवाह कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किये हैं.
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर 4 अगस्त 2010 को CBI ने विजिलेंस केस नंबर 09/09 की जांच को टेकओवर करते हुए 11 अगस्त 2010 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की. जांच के बाद 21 मार्च 2013 को CBI ने बंधु तिर्की की आय, संपत्ति और व्यय का विवरण देते हुए क्लोजर रिपोर्ट न्यायालय में जमा की. सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट पर संज्ञान के बाद 16 जनवरी 2019 को आरोप गठित हुआ. इस केस में बंधु तिर्की को सीबीआइ ने गिरफ़्तार किया था, जिसके बाद इन्हें कई महीने तक जेल की सलाख़ों के पीछे रहना पड़ा था. इस फैसले के बाद बंधु तिर्की की विधायकी खतरे में पड़ सकती है .