जनजीवन ब्यूरो / गोरखपुर । विकास परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूर्ण कराने को लेकर बेहद गंभीर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार अपराह्न गोरखपुर के पिपरी (भटहट) में बन रहे प्रदेश के पहले महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य की भौतिक समीक्षा की। इस दौरान मिट्टी भराई का कार्य पूर्ण न होने पर उन्होंने नाराजगी जताई। सीएम ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि दो माह में मिट्टी भराई का कार्य पूर्ण न होने और निमार्ण कार्य में अपेक्षित प्रगति न दिखने पर कॉन्ट्रैक्टर व अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। लेटलतीफी माफियागिरी और अराजकता का रूप ले या फिर ऐसे लोग कोर्ट जाकर दबाव बनाने लगें, उसके पहले सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
आयुष विश्वविद्यालय पहुंचते ही मुख्यमंत्री ने पूरे परिसर पर निगाह दौड़ाई। इस दौरान मिट्टी भराई का कार्य अधूरा देख उनकी त्योरी चढ़ गई और लहजा तल्ख हो गया। उन्होंने कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और कॉन्ट्रैक्टर को फटकार लगाते हुए कहा कि मिट्टी भराई का जो काम अब तक पूरा जाना चाहिए था जब वही नहीं पूरा हुआ तो बरसात में काम आगे कैसे बढ़ेगा। 15 जून के बाद बरसात शुरू होते ही यहां पानी भर जाएगा। ऐसे में समय पर यह परियोजना कैसे पूरी होगी। सीएम के तेवर देख कार्यदायी संस्था के अधिकारी व कॉन्ट्रैक्टर सकते में आ गए। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि मई अंत तक हरहाल में मिट्टी भराई का काम पूरा कर लिया जाएगा। सीएम योगी के यह पूछने पर कि निर्माण कार्य कब तक पूरा होगा, कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने कहा कि अगले साल अगस्त तक पूर्ण कर देंगे।
*अपने आवास की व्यवस्था कराएं कुलपति*
निरीक्षण के दौरान ही सीएम योगी ने आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति से पूछा कि वह कहां बैठते हैं। कुलपति प्रो एके सिंह ने बताया कि प्रेमचंद पार्क के पास आईएएस-पीसीएस कोचिंग वाली बिल्डिंग में। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यदायी संस्था से बात कर अपने आवास की व्यवस्था कराएं ताकि आईएएस-पीसीएस कोचिंग के छात्रों को कोई असुविधा न हो। कुलपति ने बताया कि कार्यदायी संस्था ने चार माह में आवास बनाकर देने को कहा है।
*डीएम को निर्देश, कार्य प्रगति की जवाबदेही तय करें*
मुख्यमंत्री ने इस दौरान जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि वह कार्य प्रगति की जवाबदेही तय करें। समयबद्ध ढंग से कार्य न होने पर बिना किसी रियायत के सख्त कार्रवाई करें। अक्सर कार्य में देरी करने वाले अराजकता व अव्यवस्था पैदा करते हैं। ऐसे में निगरानी रखते हुए कड़ी कार्रवाई की जरूरत होती है।
*कार्य की हो नियमित समीक्षा, गुणवत्ता की टीएसी जांच, लापरवाही पर हो एफआईआर*
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य की भौतिक प्रगति जानने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय के मॉडल का अवलोकन किया और अधिकारियों के साथ मौके पर ही समीक्षा बैठक भी की। बैठक में उन्होंने समयबद्ध निर्माण न होने पर जिम्मेदारी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कमिश्नर व डीएम से कहा कि कार्य की नियमित समीक्षा करते रहें। साथ ही निर्माण के गुणवत्ता की टीएसी जांच भी कराएं। इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाए कि आयुष विश्वविद्यालय के वास्तु में भारतीयता दिखे। इस अवसर पर आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एके सिंह, एडीजी अखिल कुमार, कमिश्नर रवि कुमार एनजी, डीआईजी जे रविन्द्र गौड़, डीएम विजय किरन आनंद, एसएसपी डॉ विपिन टाडा व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
*राष्ट्रपति ने किया था आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रदेश के पहले महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। 199980.72 वर्गमीटर क्षेत्र में बन रहे इस विश्वविद्यालय में प्रशासनिक भवन, अकादमिक भवन, अस्पताल, पुस्तकालय, प्रेक्षागृह, संग्रहालय, मोर्चरी, बालक एवं बालिका छात्रावास के अलावा कुलपति व अन्य स्टाफ के लिए आवासीय भवन बनाए जाने हैं। आयुष विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों के पाठ्येत्तर गतिविधियों के लिए तीन स्पोर्ट्स फील्ड भी बनाए जाएंगे।