जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कांग्रेस में अन्प शन्प बयान देने की घटना अब आम बात हो गई है। अदना सा कार्यक्रता भी सोनिया गांधी ओर राहुल गांधी को गाली देने से गुरेज नहीं करते । राहुल और सोनिया किसी भी तरह की कार्रवाई करने से कतराते रहे हैं। लेकिन कांग्रेस ने अब बेलगाम होते अपने नेताओं पर अनुशासन का डंडा चलाने का फैसला कर लिया है। इस क्रम में पहला बड़ा कदम उठाते हुए पार्टी ने पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और केरल के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री केवी थामस को पार्टी अनुशासन भंग करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन दोनों नेताओं को हफ्ते भर में जवाब मांगा है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ पार्टी अनुशासन भंग करने को लेकर कार्रवाई की जाए।
पंजाब चुनाव के दौरान विवादित बयानों को लेकर जाखड़ तो पार्टी की मनाही के बावजूद माकपा के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर थामस से हाईकमान नाराज है। पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की अगुवाई वाली कांग्रेस अनुशासन समिति की बैठक में इन दोनों के खिलाफ आई शिकायतों पर चर्चा के बाद इन्हें नोटिस जारी किया। जाखड और थामस को नोटिस जारी किए जाने की पुष्टि करते हुए पार्टी महासचिव और अनुशासन समिति के सदस्य तारिक अनवर ने कहा कि हफ्ते भर में दोनों से जवाब मांगा गया है। इनका जवाब आने के बाद समिति उस पर विचार कर कार्रवाई के बारे में अंतिम फैसला करेगी।
सुनील जाखड़ को पंजाब चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ बयानबाजी करने को लेकर नोटिस जारी किया गया है। हाईकमान के फैसले पर सवाल उठाते हुए जाखड़ ने चन्नी को पार्टी के लिए बोझ करार दिया था। चुनाव के दरम्यान कांग्रेस चन्नी को पंजाब के साथ ही देश की सियासत में पार्टी के उभरे दलित चेहरे के रूप में पेश कर रही थी, मगर जाखड़ ने अपने बयानों से इसकी हवा निकालने की कोशिश की।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में चन्नी से पिछड़े जाखड़ ने यह भी कहा था कि हिन्दू होने के कारण वे इस रेस से बाहर हो गए। पंजाब की हार के विश्लेषण के दौरान भी पार्टी ने यह महसूस किया है कि अन्य कारणों के साथ जाखड़ के इन बयानों ने कांग्रेस को भारी चुनावी नुकसान पहुंचाया। हाईकमान इन बयानों से नाखुश था ही और फिर पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं की तरफ से भी जाखड़ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठाई गई है।
वहीं दस जनपथ के करीबियों में शामिल रहे केवी थामस हाल में राज्यसभा चुनाव में मौका नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे और इसी बीच 9 अप्रैल को माकपा की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस की सख्त मनाही के बावजूद शामिल हो गए। इस कार्यक्रम में माकपा ने थामस के अलावा शशि थरूर को भी न्यौता दिया था मगर केरल कांग्रेस ने दोनों नेताओं को इसमें शरीक नहीं होने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी कर दिया।
थरूर और थामस ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से इस बारे में बात की तो उन्हें प्रदेश कांग्रेस के निर्णय का सम्मान करने की सलाह दी गई। सलाह पर अमल करते हुए थरूर जहां कार्यक्रम में नहीं गए वहीं थामस माकपा के मंच पर पहुंच गए और इसके मद्देनजर ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया है।