जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली: नवरात्रा शुरु होते ही दाल व प्याज की बढ़ी कीमतों से निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कदम उठाया है। जमाखोरो पर सख्त कार्रवाई और बड़ी मात्रा में इनके आयात करने की वजह से कीमतों में गिरावट आने लगी है। इसी का परिणाम है कि एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में प्याज का थोक भाव 30 रुपये प्रति किलो से नीचे आ गया। आने वाले महीनों में प्याज के दाम में और कमी आने की उम्मीद है और यह 20 से 30 रुपये के दायरे में रहेगी।
नासिक स्थित राष्ट्रीय बागवानी एवं शोध न्यास (एनएचआरडीएफ) के आंकड़ों के अनुसार प्याज का थोक बिक्री मूल्य 13 अक्तूबर को लासलगांव में घटकर 28.50 रुपये प्रति किलो रह गया जबकि अगस्त माह में 57 रुपये प्रति किलो था।
सरकारी उपक्रम एमएमटीसी ने चीन और मिस्र से 2,000 टन प्याज आयात के लिए अनुबंध किया है। एनएचआरडीएफ के अनुसार कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में प्याज निकासी का काम जोर शोर से चल रहा है। जबकि महाराष्ट्र में यह अभी शुरू ही हुआ है। आने वाले दिनों में प्याज आपूर्ति में आगे और सुधार की उम्मीद है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय सूत्रों के अनुसार आयातित अरहर दाल की कीमत 110 रुपये से 120 रुपये प्रति किलो होने की संभावना है। एमएमटीसी द्वारा आयातित अरहर की मुंबई और चेन्नई पहुंचने पर लागत प्रति किलो 79 रुपये आई है। इस पर केन्द्र सरकार ने प्रति किलो 10 रुपये की सब्सिडी दी है जिससे इसकी कीमत 69 रुपये प्रति किलो पर आ गई है। आयातित दाल की बिक्री केन्द्रीय भंडार और मदर डेयरी की सफल आउटलेट से 15 अक्तूबर से दिल्ली में की जाएगी।