जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । दादरी में पीट पीटकर एक मुसलिम की हत्या, मुंबई में गुलाम अली कार्यक्रम के स्थगन और सुधींद्र कुलकर्णी पर कालिख पोतने की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथ खड़े करते हुए कहा है कि इस तरह की घटना दुखद है, मगर इन घटनाओं में केंद्र सरकार की क्या भूमिका है?
मोदी ने एक समाचार पत्र से बातचीत में कहा कि पहले भी इस तरह की घटना हुई है भाजपा ने हर समय छद्म धर्मनिरपेक्षता का विरोध किया है। आज फिर से वो विवाद उठा रहे हैं। बातचीत से इसका हल निकाला जा सकता है, भाजपा कभी भी ऐसी घटनाओं का समर्थन नहीं करती।
विपक्ष पर सवाल उठाते हुए दादरी घटना पर मोदी ने कहा कि इन घटनाओ के जरिए विपक्ष भाजपा पर सांप्रदायिकता का आरोप लगा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या विपक्ष खुद इनके लिए ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं कर रहा है?
दादरी की घटना पर लंबी खामोशी के बाद पीएम मोदी ने बिहार चुनाव प्रचार के दौरान अपनी जुबान खोली थी और कहा था कि हिंदू-मुसलमान लड़े नहीं, बल्कि गरीबी और भूख के खिलाफ लड़े।
कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि पीएम मोदी की कथनी और करनी में फर्क है। “पीएम मोदी कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। मोदी कहते हैं एक बनो नेक बनो, जबकि इनके सहयोगी सांप्रदायिकता और ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं और करवाते हैं. और इस पर पीएम का पूरा सहयोग है।”
मोहम्मद सलीम का कहना है कि खुद पीएम ने लालकिले से कहा था कि इस तरह के मुद्दों पर दस साल तक बात नहीं होगी, लेकिन जब संगीत सोम, आरएसएस के लोग ऐसी बातें करते हैं, कलबुर्गी की हत्या होती है पीएम खामोश क्यों रहते हैं? पीएम इतना बोलते हैं, हर जगह बोलते हैं, विदेश में बोलते हैं, तब दिल्ली से चंद मील की दूरी पर स्थित दादरी की घटना पर बोलने में उन्हें 15 दिन क्यों लग गए?