जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा पार्टी में शामिल होने की पेशकश ठुकराए जाने के कुछ दिनों बाद बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस के पास अपने भीतर से जरूरी सुधार करने की क्षमता और नेतृत्व है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि 13-15 मई को उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर में पार्टी के समक्ष खड़े सभी मुद्दों का समाधान होगा। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस में संसदीय बोर्ड पहले रहा है और होना चाहिए, लेकिन चिंतन शिविर में इस पर चर्चा नहीं होगी, क्योंकि संगठन के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और ऐसे विषय पर चुनाव के बाद विचार होगा। हुड्डा उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस में आमूल-चूल बदलाव की मांग को लेकर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखा था।
कांग्रेस का ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ 13-15 मई को उदयपुर में आयोजित हो रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या ‘जी23′ की ओर से उठाये गए मुद्दों का समाधान निकलेगा, हुड्डा ने कहा, ‘यह ‘जी 23′ की परिभाषा आप लोगों (मीडिया) की दी हुई है। हमारे कुछ वरिष्ठ कांग्रेसजन का विचार था कि कुछ कदमों से पार्टी मजबूत हो सकती है, आपको यह-यह कदम उठाने चाहिए। इसे लेकर हमने लिखा था। कुछ कदम उठाए भी गए हैं…यह किसी का विरोध नहीं है, हम पार्टी के हितकारी हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हमने नेतृत्व के बारे में बात नहीं की है। हमने सिर्फ यह कहा कि पार्टी को कैसे मजबूत किया जाएगा। अब तो अध्यक्ष का चुनाव हो रहा है।’ इस सवाल पर कि क्या पार्टी संसदीय बोर्ड बनाने जैसी मांगों पर चर्चा होगी, उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव हो रहे हैं। इसकी प्रक्रिया चल रही है। दूसरी चीजों को चुनाव होने के बाद देखा जाएगा। संसदीय बोर्ड पहले भी था, (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी जी के समय भी था और होना भी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत बनाने के लिए मजबूत ब्लॉक कमेटी और मजबूत जिला कमेटी होना जरूरी है। यह पूछे जाने पर कि प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल नहीं होने से जुड़े पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में कांग्रेस क्या अपने भीतर से जरूरी सुधार करने में सक्षम है, हुड्डा ने कहा, ‘ क्यों नहीं? कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। कांग्रेस में क्षमता है, कांग्रेस में नेतृत्व है, कांग्रेस में नेता हैं। कांग्रेस के पास थिंक टैंक है।’
हाल में लंबी मंत्रणा के बाद कांग्रेस ने किशोर को पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। यह पूछे जाने पर ‘ध्रुवीकरण की राजनीति’ से निपटने के लिए कांग्रेस को क्या करना चाहिए, हुड्डा ने कहा, ‘इसका एक समाधान है-महात्मा गांधी। उनका अनुसरण करिये। महात्मा गांधी हिंदू थे, वह धार्मिक व्यक्ति थे और सभी धर्मों का सम्मान करते थे। उनके रास्ते पर चलकर ही देश एक रह सकता है और आगे बढ़ सकता है।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस को बापू के रास्ते पर चलना चाहिए। चिंतन शिविर के लिए गठित कृषि संबंधी समन्वय समिति के संयोजक हुड्डा ने कहा, ‘‘चिंतिन शिवर के लिए छह अलग-अलग समूह बनाए गए हैं। सब अपने-अपने विषयों पर चर्चा करेंगे और एक निष्कर्ष निकालेंगे कि आगे क्या नीति बनाई जाए, ताकि 2024 तक लोगों की आवाज उठाई जा सके।’ उन्होंने कहा, ‘‘कृषि के विषय पर सबके साथ चर्चा की गई है। किसान नेताओं से बात की गई। बहुत सारे कृषि वैज्ञानिक से बात की गई। उनकी राय ली गई है। उनसे बातचीत करके एक मसौदा तैयार किया गया है। इस पर चिंतन शिविर में चर्चा होगी।” उन्होंने बताया, ‘‘एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का मुद्दा है, बीमा का मामला है, किसानों पर कर्ज बढ़ रहा है, बेमौसम बारिश से होने से फसल को नुकसान हुआ है, इन सब पर चर्चा होगी।”
विपक्षी गठबंधन की संभावना पर उन्होंने कहा कि यह आगे के हालात पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘कई बार ऐसा होता है कि वक्त हालात गठबंधन बना देता है। इस पर पार्टी बाद में फैसला करेगी।”