जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक हलकों में उस बयान की कड़ी आलोचना हो रही है जिसमें यह कहा गया है कि उनकी सरकार का दादरी हत्याकांड, मुंबई में गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द होने और सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोतने से कोई लेना देना नहीं है। विपक्षी पार्टियों के साथ साथ सत्ता में भागीदार शिवसेना तक ने प्रधानमंत्री के इस बयान पर कहा है कि घटना के इतने दिनों बाद बयान देने का कोई मतलब नहीं हैं, इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी उनकी रणनीति है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि मोदी का बयान दुर्भाग्यपूणã है । राउत ने कहा कि मुझे लगता है ये बयान मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के तौर पर दिया है। ऐसा बयान हमारे प्रिय नरेंद्र मोदी का नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा है कि अगर नरेंद्र मोदी ने गुलाम अली और कसूरी के विरोध की घटना को दुर्भाग्यपूणã बताते हैं तो हम सब के लिए ये बात दुर्भाग्यपूर्ण है। राउत ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी पहचान दुनिया में गोधरा की वजह से हुई है और यही वजह है कि हम मोदी जी का आदर भी करते हैं।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र के लिए यह कह कर पल्ला झाड़ना उचित नहीं है कि उनकी कोई भूमिका नहीं थी। पायलट ने कहा कि मैं समझता हूं यह कह कर पल्ला झाड़ना उचित नहीं है कि केंद्र सरकार को कोई भूमिका नहीं निभानी थी। पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्दे को महत्वहीन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। मैं समझता हूं कि दादरी में एक व्यक्ति की दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से पीट पीट कर हत्या हमारे सामाजिक तानबाने में व्यवस्थित क्षय का प्रतीक है जिसे की नई सरकार द्बारा बल दिया जा रहा है।
वहीं बिहार में उनके घुर विरोधी नीतीश कुमार ने भी प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा है कि बहुत देर कर दी प्रधानमंत्री ने दादरी मामले पर बयान देने में। वहीं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि किसी को मारपीट करके सॉरी बोलना कहां का तरीका है । भाजपा के लोग सुबह कुछ बोलते हैं और शाम को पलट जाते हैं।
कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने कहा कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में फर्क है। मोदी कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं एक बनो नेक बनो, जबकि इनके सहयोगी सांप्रदायिकता और ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं और करवाते हैं और इस पर मोदी का पूरा सहयोग है।
सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम का कहना है कि खुद मोदी ने लाल किले से कहा था कि इस तरह के मुद्दों पर दस साल तक बात नहीं होगी, लेकिन जब संगीत सोम, आरएसएस के लोग ऐसी बातें करते हैं, कलबुर्गी की हत्या होती है पीएम खामोश क्यों रहते हैं? पीएम इतना बोलते हैं, हर जगह बोलते हैं, विदेश में बोलते हैं, तब दिल्ली से चंद मील की दूरी पर स्थित दादरी की घटना पर बोलने में उन्हें 15 दिन क्यों लग गए?
जदयू नेता केसी त्यागी ने मोदी के उस आरोप को नकार दिया जिसमें प्रधानमंत्री ने दादरी के बहाने विपक्ष पर ध्रुवीकरण की राजनीति का आरोप लगाया है। त्यागी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले मुजफ्फनगर में ध्रुवीकरण का फायदा किसे मिला? अब उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव हैं, अ दादरी की घटना को पटना भेजने की कोशिश की जा रही ताकि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण किया जा सके।