जनजीवन ब्यूरो / मथुरा : मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के मामले में जिला जज की अदालत से पुनरीक्षण याचिका स्वीकार होने के बाद गुरुवार को पहली बार सुनवाई हुई। सिविल कोर्ट में सुनवाई के दौरान श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट ने सारी 13.37 एकड़ जमीन पर अपना दावा किया है। इस जमीन पर ईदगाह भी शामिल है। इस जमीन की मिल्कियत (मालिकाना हक) के कागज सिविल कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं। अदालत ने अन्य पक्षों को कॉपी ऑर्डर उपलब्ध कराया। अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी।
ईदगाह की जमीन को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने श्रीकृष्ण विराजमान को वादी बनाकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को चुनौती दी है। इसे रद्द करने की मांग की है। गुरुवार को सीनियर सिविल जज की कोर्ट में सुनवाई हुई। वादी पक्ष ने मांग की है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और ईदगाह कमेटी के बीच हुए समझौते को रद्द किया जाए। साथ ही ईदगाह की जमीन को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है। अदालत ने केस की अगली सुनवाई के लिए एक जुलाई की तारीख दी है।
ईदगाह को हटाने की मांग श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की तरफ से अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने मथुरा कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देकर कागजात सौंपे हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम ही 13.37 एकड़ जमीन दर्ज है, उसमें ईदगाह का नाम नहीं है। साथ ही, टैक्स भी ट्रस्ट ही दे रहा है तो जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की हुई। कोर्ट से मांग की गई है कि ईदगाह को हटाने के आदेश दिए जाएं।