जनजीवन ब्यूरो / चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने राज्य में 424 वीआईपी की सुरक्षा वापस ले ली है। इनमें पूर्व विधायक और सेवारत व पूर्व पुलिस अधिकारी शामिल हैं। डेरा राधा स्वामी, ब्यास की सुरक्षा से 10 कर्मियों को भी हटा लिया गया है। मजीठा विधायक गनीवे कौर मजीठिया की सुरक्षा से 2 कर्मियों को हटा लिया गया है। पंजाब के पूर्व डीजीपी पीसी डोगरा की सुरक्षा से एक व्यक्ति को हटा लिया गया है। वह वर्तमान में सीएमओ में तैनात एडीजीपी गौरव यादव के ससुर हैं। सभी हटाए गए कर्मी शनिवार को जालंधर कैंट के विशेष डीजीपी को रिपोर्ट करेंगे। पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) ने जारी आदेश में कहा है कि सुरक्षाकर्मियों को आकस्मिक कानून एवं व्यवस्था ड्यूटी के सिलसिले में अस्थायी तौर पर वापस लिया जा रहा है। सुरक्षा खोने वाले सिख धर्म के प्रमुख पदाधिकारियों में बठिंडा में तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ही अकाल तख्त के जत्थेदार का भी प्रभार संभालते हैं। अकाल तख्त सिखों की धार्मिक सत्ता का प्रमुख केंद्र है। जिन लोगों से पुलिस सुरक्षा वापस ली जाएगी, उनमें आनंदपुर साहिब जिले में तख्त केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, जालंधर में डेरा सचखंड बल्लां के प्रमुख संत निरंजन दास, भैनी साहिब, लुधियाना के सतगुरु उदय सिंह नामधारी, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह शामिल हैं। जगराओं के गुरुद्वारा नानकसर कलेरां वाले के बाबा लाखा सिंह और जालंधर में कहना ढेसियां, गोराया के डेरा प्रमुख संत तरमिंदर सिंह की सुरक्षा भी वापस ले ली गयी है। डेरा दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, नूरमहल के 9 पुलिसकर्मियों और शाही इमाम पंजाब, मोहम्मद उस्मान लुधियानवी की सुरक्षा के लिए तैनात 6 पुलिसकर्मियों को भी हटा लिया गया है।
जिन विधायकों की सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें जालंधर छावनी से कांग्रेस विधायक परगट सिंह और लुधियाना उत्तर से आम आदमी पार्टी के विधायक मदन लाल बग्गा भी शामिल हैं। कांग्रेस के पूर्व विधायक कुलजीत सिंह नागरा, बलविंदर सिंह लड्डी, हरमिंदर गिल, मदन लाल जलालपुर, सुरजीत धीमान, हरदयाल कंबोज और सुखपाल भुल्लर के अलावा भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक दिनेश बब्बू, शरणजीत सिंह ढिल्लों, कंवरजीत सिंह और गुरप्रताप सिंह वडाला की सुरक्षा भी वापस ले ली गयी है।