जनजीवन ब्यूरो / देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर ली है। जिससे अब उन्होंने अपनी सीएम की कुर्सी भी पक्की कर ली है। जीत के साथ ही धामी की धमक एक बार फिर नजर आई। लेकिन इस जीत में धामी की संगठनात्मक पकड़, बेहतर रणनीतिकार और शानदार कार्यकाल पर जनता ने मुहर लगा दी है।
धामी की जीत के 5 बड़े कारण, जिस वजह से धामी उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीतकर अब विधानसभा पहुंच गए हैं। चंपावत संगठन और सरकार का सामंजस्य, शानदार रणनीति संगठन और सरकार का सामंजस्य, शानदार रणनीति उपचुनाव का ऐलान होते ही भाजपा ने पहले ही दिन से चंपावत को लेकर खास रणनीति तैयार की। जिसके बाद से पहले ही दिन से संगठन और सरकार के बड़े चेहरों ने चंपावत में डेरा डाले रखा। धामी सरकार के आधे कैबिनेट मंत्रियों ने चंपावत में मोर्चा संभाले रखा तो संगठन महामंत्री से लेकर प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी की पूरी टीम चंपावत में डटी रही।
सुरक्षित सीट का चयन सुरक्षित सीट का चयन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव के लिए चंपावत सीट का चयन किया। जबकि सीएम के लिए आधा दर्जन से अधिक विधायक सीट छोड़ने को तैयार थे। लेकिन सीएम ने चंपावत को ही चुना। इस सीट पर सीएम को अपने पुराने रिश्ते और खटीमा की सीमा से लगे होने का फायदा मिलना निश्वित था। सीएम को इस बात का विश्वास था कि उनके बचपन का टनकपुर से जुड़ाव काम आएगा। यही कारण रहा कि सीएम ने चंपावत का रण आसानी से जीत लिया।
कांग्रेस का कमजोर प्रत्याशी, संगठन नदारद
कांग्रेस ने चंपावत से निर्मला गहतोड़ी को चुनाव मैदान में उतारा जो कि शुरूआत से ही कमजोर प्रत्याशी मानी जा रही थी। पूर्व में दो बार के विधायक और इस बार के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे हेमेश खर्कवाल ने पहले ही किनारा कर ये संकेत दे दिए थे। कि सीएम को चुनौती देना आसान नहीं है। ऐसे में पार्टी ने जिलाध्यक्ष रही और दायित्वधारी रह चुकी निर्मला गहतोड़ी को टिकट दिया जो कि कमजोर प्रत्याशी साबित हुई। इसके साथ ही कांग्रेस का संगठन इस पूरे चुनाव में एकाध बार छोड़कर कहीं नजर नहीं आया। हरीश रावत समते बड़े चेहरे अंतिम समय में ही चंपावत में दिखे। खुद निर्मला गहतोड़ी ने भी संगठन पर इस तरह चुनाव में उनका सहयोग न करने का आरोप लगाया है।
सीएम के नेतृत्व और काम पर मुहर
चंपावत की जनता ने सीएम धामी के अब तक कार्यकाल पर मुहर लगा दी है। एक तरफा जीत के लिए ये भी एक बड़ा कारण रहा है। सीएम धामी पिछले करीब ढाई माह से लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं। साथ ही वे अपने दमदार तरीके से काम करते हुए नजर आ रहे हैं। यही वजह कि जनता ने धामी की धमक पर भरोसा जताते हुए ऐतिहासिक जीत दिलाई है। उपचुनाव को गंभीरता से लड़ना उपचुनाव को गंभीरता से लड़ना अक्सर सीएम रहते उपचुनाव को पार्टी और सरकार काफी हल्के तरीके से लड़ते हैं। लेकिन चंपावत में भाजपा ने उपचुनाव को बड़ी गंभीरता से लिया है। यही कारण है कि उपचुनाव में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तक प्रचार किया। भाजपा के सभी बड़े चेहरे चंपावत में नजर आए। खुद धामी ने भी चंपावत में डेरा डाले रखा।