जनजीवन ब्यूरो / रांची । आय से अधिक संपत्ति, मनी लांड्रिंग और मनरेगा घोटाला के आरोप में गिफ्तार आइएएस पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा द्वारा संचालित पल्स अस्पताल के बैंक खातों को फ्रीज किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान एचडीएफसी बैंक की ओर से कहा गया कि लोन की राशि की भरपाई होने पर बैंक के सारे खातों को चालू कर दिया गया है। इस दौरान जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से कहा गया कि उन्होंने बैंक को इस तरह का कार्य करने के लिए कोई पत्र नहीं लिखा था। इसलिए इस मामले में ईडी को पार्टी नहीं बनाया जाए। झारखंड हाई कोर्ट में अब इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होगी। इस संबंध में पल्स अस्पताल की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि बैंक की ओर से खातों को फ्रीज किए जाने से परेशानी हो रही है। जबकि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से बैंक खातों को फ्रीज करने के लिए कोई निर्देश भी नहीं दिया गया है। इसलिए सारे अकाउंट को चालू किया जाए। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई हुई।
मालूम हो कि ईडी ने मनरेगा घोटाला मामले में सर्वप्रथम पूजा सिंघल के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें उनके पति अभिषेक झा का यह अस्पताल भी शामिल था। ईडी को पूछताछ में जानकारी मिली थी कि पूजा सिंघल ने बड़े पैमाने पर कालाधन इस अस्पताल में निवेश कर रखा है। इसके बाद ईडी ने अस्पताल के संचालक अभिषेक झा को भी तलब किया। कई दिनों तक पूछताछ की गई। अस्पताल के सभी कागजात की छानबीन की गई। फिर अस्पताल के निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार को भी ईडी ने तलब किया। उससे भी पूछताछ की गई। इसी क्रम में यह बात भी सामने आई कि अस्पताल का निर्माण गलत तरीके से भुईहरि की जमीन पर कराया गया है। इस जमीन का दाखिल खारिज तक नहीं हुआ है। इसके बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। नीचे से ऊपर तक के अधिकारियों से जवाब-तलब शुरू हो गई। अस्पताल से संबंधित उस संचिका की भी खोजबीन शुरू हो गई, जिसमें वर्षों पहले तत्कालीन डीसी ने जांच के आदेश दिए थे। कुल मिलाकर यह बात सामने आई कि नीचे से ऊपर तक दाल में काला है।
बहरहाल, अभिषेक झा की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। हां, उनकी पत्नी पूजा सिंघल और उनका कालाधन खपाने वाले सीए सुमन कुमार की गिरफ्तारी अवश्य हो चुकी है। कई दिनों तक चली पूछताछ के बाद दोनों ने कई राज उगल दिए हैं। सुमन कुमार यह स्वीकार कर चुका है कि कालाधन पूजा सिंघल का है। उसने प्लस अस्पताल निर्माण कार्य के लिए बिल्डर को भी रुपये दिए थे। यह भी खुलासा हो चुका है कि खान सचिव रहीं पूजा सिंघल को जिला खनन पदाधिकारी पैसा पहुंचाया करते थे। यह रुपये सीधे पूजा सिंघल को नहीं देकर उनके सीए सुमन कुमार के खातों में भेजा करते थे। जिला खनन पदाधिकारियों से पूछताछ का सिलसिला जारी है। इन सभी ने कई अन्य दिग्गजों के भी नाम बता दिए हैं, जो खनन के जरिए कालाधन खपाने के धंधे में शामिल हैं। ईडी बारी-बारी से इन्हें तलब कर पूछताछ कर रही है।