जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : भारतीय रेल में अब वरिष्ठता के आधार पर नहीं उपलब्धियों के आधार पर महाप्रबंधकों की नियुत्ति की जाएगी। रेलबे बोर्ड के बुधवार को लेवल 16 यानी महाप्रबंधकों के पद पर नियुक्ति संबंधी जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अधिकारियों को अपने कार्यकाल के पांच उपलब्धियों को बताना होगा। इतना ही नहीं रेलवे के तीन महत्वपूर्ण पदों के दावे को भी अधिकारियों को न्याय संगत बताना होगा। अदिकारियों को यह भी बताना होगा की उनके पास कितनी चल- अचल संपत्तियां है।
भारतीय रेलवे में IRSE, IRSME, IRSEE, IRSSE,IRSS, IRTS, IRPS & IRAS आठ कैडर के होते हैं। रेलवे बोर्ड ने लेवल 16 यानी महाप्रबंधकों के पद पर नियुक्ति संबंधी निर्देश जारी में कहा है कि उपरोक्त कैडर के अधिकारी ही इन पदों पर नियुक्ति के हकदार होंगे। भारतीय रेल के इतिहास में शीर्ष स्तर पर अधिकारियों की यह पहली नियुक्ति प्रक्रिया होगी जिसमें वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए उपलब्धियों के आधार पर प्रमोशन देकर महाप्रबंधक बनाया जाएगा।
फिलहाल बोर्ड ने 1985 और 1986 बैच के अधिकारियों से महाप्रबंधक पदों के लिए आवेदन मांगा है। यह नियुक्ति प्रक्रिया आगामी तीन महीने में पूरी हो जाएगी। भारतीय रेल में मेट्रो रेल सहित 17 जोनल रेलवे के महाप्रबंधक, रेल कोच फैक्ट्री, इंजन कारखाना, पहिया कारखाना सहित कुल 29 महाप्रबंधक (सभी लेवल-16) हैं। इसके अलावा रेलवे बोर्ड में अतिरिक्त सदस्य (योजना), रेलवे बोर्ड सचिव लेवल-16 श्रेणी में आते हैं।
अधिसूचना के अनुसार अधिकारियों को अपनी नौकरी के दौरान कम से कम पांच उपलब्धियां बतानी होगी। इसके लिए रेलवे के विकास का सटीक एक्शन प्लान भी देना होगा। योग्य अधिकारी के अंदर नेतृत्व गुण (इमोशनल कोशेंट-आईक्यू) सर्वोपरि माना जाएगा। इसके अलावा अधिकारी को वार्षिक संपत्ति रिटर्न का ब्यौरा भी देना होगा। जानकारों का यह भी कहना है कि महाप्रबंधकों की नियुक्ति में योग्य उम्मीदवारों के चयन में रेलवे बोर्ड के मूल्यांकन पैनल का अहम भूमिका रहेगी। अधिकारी का चयन नौकरी के दौरान पांच उपब्धियों व नेतृत्व के आधार पर होगा।
ताजा अधिसूचना पर आशंका जताई जा रही है कि इससे रेलवे बोर्ड पर सियासी दखल हो सकता है। साथ ही चयन प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद संस्कृति पनप सकता है।