जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित धनशोधन के एक मामले में लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए और लगभग 4.30 घंटे तक लगातार पूछताछ चली। राहुल गांधी एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी के मुख्यालय पहुंचे। उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी उनके साथ थीं। ईडी ने कांग्रेस नेता से सोमवार को 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।
उधर, राहुल गांधी की पेशी पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोमवार की तरह मंगलवार को भी प्रदर्शन किया और कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने मंगलवार को भी कांग्रेस मुख्यालय से लगे इलाके में धारा 144 लगा रखी है। कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोमवार को भी दिल्ली समेत देश के कई शहरों में ईडी कार्यालयों के बाहर ‘सत्याग्रह’ किया और मार्च निकाला, जिसे पार्टी के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि दिल्ली पुलिस की धक्कामुक्की के कारण पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम समेत उसके कई नेताओं को चोट आई हैं। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि उसकी तरफ से कोई बल प्रयोग नहीं किया गया और पुलिसकर्मियों के कारण किसी के चोटिल होने की जानकारी उसके पास नहीं है। ईडी धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत राहुल गांधी का बयान दर्ज कर रही है। इसी मामले में ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को पेश होने के लिए कहा है। सोनिया गांधी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अस्वस्थ हैं और फिलहाल सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं।
अधिकारियों के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेन-देन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके। ‘यंग इंडियन’ के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं। कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है। उसने यह भी कहा है कि पार्टी और उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है।
दिल्ली की एक निचली अदालत द्वारा ‘यंग इंडियन’ के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिए जाने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी।